सांसद चंद्रशेखर आजाद पर यौन उत्पीड़न का आरोप: राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज, डॉ. रोहिणी घावरी ने शुरू की कानूनी लड़ाई

 पीएचडी स्कॉलर का दर्दनाक खुलासा: 'शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए, अब लोग 'रखैल' बुलाते हैं'
 | 
MP Chandrashekhar
नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ यौन उत्पीड़न का एक गंभीर मामला सामने आया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने सोमवार को पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। इस शिकायत के बाद डॉ. रोहिणी ने अपनी लड़ाई शुरू करने का ऐलान करते हुए कहा कि, "कानूनी लड़ाई शुरू हो चुकी है। सच सामने आकर रहेगा। स्वाभिमान और सम्मान के लिए लड़ूंगी। पीछे नहीं हटूंगी।"READ ALSO:-यूपी बोर्ड में 1 जुलाई से ऑनलाइन हाजिरी होगी अनिवार्य: छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए नया नियम

 

कौन हैं डॉ. रोहिणी घावरी और क्या है उनका आरोप?
डॉ. रोहिणी घावरी इंदौर के बीमा अस्पताल में कार्यरत एक सफाईकर्मी की बेटी हैं, जिन्होंने 2019 में उच्च शिक्षा के लिए स्विट्जरलैंड में दाखिला लिया था। अपनी पढ़ाई के दौरान ही वह और चंद्रशेखर आजाद संपर्क में आए और लगभग तीन साल तक रिलेशनशिप में रहे। बाद में रोहिणी ने चंद्रशेखर पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए।

 MRT

शिकायत में रोहिणी ने जो लिखा है, वह हूबहू इस प्रकार है:
'मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और अनुसूचित जाति (सफाईकर्मी समुदाय) की महिला, आपके समक्ष यह शिकायत अत्यंत पीड़ा और न्याय की आस के साथ प्रस्तुत कर रही हूं। 2020 में मध्य प्रदेश सरकार की छात्रवृत्ति पर स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में पीएचडी के लिए एडमिशन लिया। इसी दौरान मेरी जान-पहचान चंद्रशेखर आज़ाद, सांसद नगीना (बिजनौर, उत्तर प्रदेश) से हुई। जून 2021 से दोनों के बीच निरंतर संवाद शुरू हुआ। चंद्रशेखर ने मुझे यह विश्वास दिलाया कि वे अविवाहित हैं और मेरी जैसी जीवनसाथी की तलाश में हैं। उन्होंने विवाह का झांसा देकर भावनात्मक रूप से मेरे साथ संबंध बनाए। उनके आश्वासन पर मैंने न केवल व्यक्तिगत रूप से उन्हें अपनाया, बल्कि उनके राजनैतिक अभियानों में भी सक्रिय रूप से सहयोग दिया।

 

चंदशेखर ने मेरे भारत आने पर विशेषकर दिल्ली में, कई बार मुझे होटल और अपने द्वारिका स्थित निवास पर बुलाकर यह कहकर शारीरिक संबंध बनाए कि वे मुझसे शीघ्र विवाह करेंगे। 2022 के उत्तरप्रदेश चुनाव में मुझे इनकी पार्टी के कुछ लोगों ने इनके शादी के बारे में बताया, जब मैंने इनसे पूछा तो इन्होंने साफ मना कर दिया, और बोले कि मेरी शादी नहीं हुई है। शादी तो तुमसे ही करूंगा, जब मैंने इस संबंध को समाप्त करने की बात की, तो उन्होंने आत्महत्या करने की धमकी दी और "बहुजन आंदोलन छोड़ने" जैसी बातें कहकर मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

 

इन्होंने मुझे हमेशा धोखे में रखा, और मुझसे शुरू से खुद को अविवाहित बताकर मेरे साथ शादी का झांसा देकर कई बार मेरी मर्जी के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाए। उन्होंने मेरे प्रेम, विश्वास, निष्ठा और समर्पण का दुरुपयोग किया। विदेश में रहते हुए भी मैंने उनके सामाजिक अभियानों में साथ दिया। लेकिन उन्होंने न सिर्फ मेरे भावनात्मक विश्वास को तोड़ा, बल्कि मुझे सामाजिक रूप से बदनाम भी किया। आज स्थिति यह है कि लोग मुझे "रखैल" जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित कर रहे हैं, जिससे मैं गहरे अवसाद में चली गई और दो बार आत्महत्या करने का प्रयास किया। मैं मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से पूरी तरह से टूट चुकी हूं। अतः आपसे निवेदन है कि तथ्यों को ध्यान में रखते हुए चंद्रशेखर आज़ाद के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाए, ताकि मुझे न्याय मिल सके और कोई भी अन्य बहन-बेटी इस प्रकार की धोखाधड़ी व उत्पीड़न का शिकार न हो सके।'

 

चंद्रशेखर का पलटवार और बस्ती में हंगामा
डॉ. रोहिणी ने 9 जून को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर चंद्रशेखर पर आरोप लगाए थे। इन आरोपों के 5 दिन बाद, 14 जून को चंद्रशेखर ने अपनी चुप्पी तोड़ी थी। झांसी में उन्होंने कहा था, "मेरी मां ने मुझे सिखाया है कि किसी भी महिला का भूल से भी अपमान न हो। मैंने सुना है कि वो (रोहिणी) कोर्ट जा रहे हैं, तो मैं भी अपना जवाब और सच कोर्ट में बताऊंगा।" इस दौरान चंद्रशेखर ने रोहिणी का नाम नहीं लिया था।

 

वहीं, रविवार को बस्ती में चंद्रशेखर आजाद के कार्यक्रम में महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। जब चंद्रशेखर सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं से मिल रहे थे, तभी करीब 10 महिलाएं डॉ. रोहिणी की तस्वीर छपी तख्ती लेकर पहुंच गईं। इन तख्तियों पर 'रेप आरोपी को जेल भेजो' जैसे नारे लिखे थे। महिलाओं ने 'चंद्रशेखर मुर्दाबाद', 'चंद्रशेखर को जेल भेजो', 'महिलाओं को न्याय दो' और 'अत्याचार नहीं चलेगा' जैसे नारे भी लगाए। करीब आधे घंटे तक महिलाएं हंगामा करती रहीं। बाद में आजाद समाज पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने उन्हें खदेड़ने की कोशिश की और किसी तरह पुलिस ने महिलाओं को मौके से बाहर निकाला। यह घटना बस्ती के कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई थी, जब चंद्रशेखर अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में एक सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे।

 OMEGA

अपर्णा यादव ने भी उठाई कार्रवाई की मांग
चंद्रशेखर पर यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर हाल ही में यूपी महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि, "महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का गलत बर्ताव करने की इजाजत किसी को नहीं है। यदि रोहिणी के आरोपों की जांच में पुष्टि हो जाती है तो फिर उन पर (चंद्रशेखर) कार्रवाई होनी चाहिए।" इस मामले ने अब कानूनी रूप ले लिया है और सबकी निगाहें राष्ट्रीय महिला आयोग और कोर्ट की आगे की कार्यवाही पर टिकी हैं।
SONU

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।