बिजनौर में तेंदुए का आतंक: डेढ़ साल के मासूम को मार डाला, घर से 500 मीटर दूर जंगल में हुआ हमला; वन विभाग पर लापरवाही का आरोप
खेत पर गए थे माता-पिता, दादी के पास से निकला बच्चा; ग्रामीणों में दहशत, गांव में लगाया पिंजरा
Jun 30, 2025, 18:59 IST
|

बिजनौर, [30 June 2025]: बिजनौर के मंडावर थाना क्षेत्र के कोहरपुर गांव में तेंदुए के हमले से एक डेढ़ साल के मासूम बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब बच्चे के माता-पिता खेत पर काम करने गए थे और उन्होंने अपने तीनों बच्चों को घर पर दादी के पास छोड़ दिया था। इस हृदय विदारक घटना के बाद से पूरे गांव में दहशत का माहौल है और ग्रामीण वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।Read also:-बिजनौर में सनसनीखेज मामला: चार युवकों ने लगाया मारपीट, कपड़े उतरवाने और थूक चटवाने का आरोप; दूसरे पक्ष ने छेड़छाड़ का दावा किया
खेलते-खेलते जंगल पहुंचे मासूम, तेंदुए ने गर्दन पर किया हमला
जानकारी के अनुसार, कोहरपुर गांव निवासी राजकुमार और उनकी पत्नी किरण अपने खेत में काम करने गए थे। उन्होंने अपने पांच वर्षीय बेटे हर्षित और डेढ़ वर्षीय बेटे मयंक सहित तीनों बच्चों को घर पर दादी के पास छोड़ा था। इसी दौरान, हर्षित और मयंक खेलते-खेलते घर से निकल गए और घर से मात्र 500 मीटर दूर जंगल की ओर पहुंच गए।
जानकारी के अनुसार, कोहरपुर गांव निवासी राजकुमार और उनकी पत्नी किरण अपने खेत में काम करने गए थे। उन्होंने अपने पांच वर्षीय बेटे हर्षित और डेढ़ वर्षीय बेटे मयंक सहित तीनों बच्चों को घर पर दादी के पास छोड़ा था। इसी दौरान, हर्षित और मयंक खेलते-खेलते घर से निकल गए और घर से मात्र 500 मीटर दूर जंगल की ओर पहुंच गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जंगल से अचानक निकले एक तेंदुए ने मासूम मयंक पर झपट्टा मारा और उसकी गर्दन पर हमला कर दिया। हमले में मयंक की मौके पर ही मौत हो गई। बच्चे का बड़ा भाई हर्षित किसी तरह वहां से भाग निकला और चीख-पुकार मचाई। बच्चों की चीखें सुनकर आसपास खेतों में काम कर रहे ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक तेंदुआ जंगल में भाग चुका था।
पिता का रुदन देख हर आंख नम, ग्रामीणों में भारी आक्रोश
ग्रामीण तुरंत मासूम मयंक को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल से एक बेहद मार्मिक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पिता अपने मृत बच्चे की लाश को गले लगाए हुए बिलख रहे हैं। पिता की हालत देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंख नम हो गई।
ग्रामीण तुरंत मासूम मयंक को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल से एक बेहद मार्मिक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पिता अपने मृत बच्चे की लाश को गले लगाए हुए बिलख रहे हैं। पिता की हालत देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंख नम हो गई।
इस घटना के बाद ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति भारी आक्रोश है। गांव वालों ने बताया कि पिछले कई दिनों से तेंदुए को गांव के आसपास देखा जा रहा था और इसकी शिकायत कई बार वन विभाग से की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण ही आज एक मासूम की जान चली गई।
गांव में लगाया पिंजरा, बिजनौर में 30 लोगों की जा चुकी है जान
सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। इसके बाद गांव वालों ने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगवा दिया है और जल्द ही उसे पकड़ने का दावा किया है।
सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। इसके बाद गांव वालों ने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगवा दिया है और जल्द ही उसे पकड़ने का दावा किया है।
बिजनौर जिले में तेंदुए के हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब तक तेंदुए के हमलों में करीब 30 लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं। वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए पंपलेट, वॉल पेंटिंग और गांव-गांव जाकर सतर्कता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद तेंदुए के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यह घटना एक बार फिर वन्यजीवों और मानव आबादी के बीच बढ़ते संघर्ष की गंभीर चुनौती को उजागर करती है।
