केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश: बिजनौर की नानी-नातिन की दर्दनाक मौत, ऑपरेशन के निशान और अंगूठी से हुई शिनाख्त

 गुप्तकाशी के पास हुआ दर्दनाक हादसा; परिजनों ने ऑपरेशन के निशान और अंगूठी से की अपनों की शिनाख्त, बिखर गए सपने
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NAGINA
बिजनौर/देहरादून: बाबा केदारनाथ के दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं से भरा एक हेलीकॉप्टर रविवार सुबह गुप्तकाशी पहुंचने से पहले ही दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया। इस हृदय विदारक घटना में हेलीकॉप्टर में सवार सभी सात यात्रियों की मौत हो गई, जिनमें बिजनौर की एक नानी-नातिन भी शामिल थीं। इस हादसे ने जहां पूरे उत्तराखंड को झकझोर दिया, वहीं बिजनौर और नगीना में भी मातम पसर गया है।READ ALSO:-बिजनौर में दहला देने वाली घटना: महिला को बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म, एक आरोपी पुलिस ने दबोचा!

 

अधूरी रह गई केदारनाथ यात्रा:
नगीना निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मपाल सिंह चौहान अपनी 65 वर्षीय पत्नी विनोद देवी, 19 वर्षीय नातिन तृष्टि चौहान, पौत्र ईशान और नाती गौरव के साथ बीते शुक्रवार को केदारनाथ के लिए रवाना हुए थे। शनिवार को धर्मपाल सिंह चौहान और उनके पौत्र व नाती ने हेलीकॉप्टर से बाबा केदारनाथ के दर्शन कर लिए और वापस लौट आए। लेकिन, अचानक मौसम खराब होने के कारण विनोद देवी और तृष्टि को केदारनाथ में ही रुकना पड़ा। कौन जानता था कि यह उनका आखिरी पड़ाव साबित होगा।

 हादसे में हेलिकॉप्टर पूरी तरह से जल गया।

पहचान बनी दर्द का सबब:
रविवार सुबह विनोद देवी और तृष्टि अन्य यात्रियों के साथ वापस आने के लिए हेलीकॉप्टर में सवार हुईं। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। गुप्तकाशी पहुंचने से ठीक पहले हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे की खबर मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और वे तुरंत उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए। घटनास्थल पर शव इतनी बुरी तरह से जल चुके थे कि उनकी पहचान करना बेहद मुश्किल था। लेकिन, परिजनों के लिए यह दर्दनाक लम्हा था जब उन्होंने अपनी दिवंगत विनोद देवी के पेट पर ऑपरेशन के निशान और तृष्टि की उंगली में अंगूठी देखकर उनकी शिनाख्त की। इतनी भयानक त्रासदी के बाद डीएनए टेस्ट की जरूरत भी नहीं पड़ी।

 हेलिकॉप्टर क्रैश होकर गौरीकुंड के जंगलों में गिरा और उसमें आग लग गई।

दिल्ली में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थी तृष्टि:
तृष्टि चौहान बिजनौर निवासी अधिवक्ता अतुल विक्रम की बेटी थीं और दिल्ली में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थीं। उनके सपने बड़े थे, लेकिन इस हादसे ने सब कुछ छीन लिया।

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मातम में डूबे घर, बिखर गए अरमान:
नानी और नातिन का पोस्टमार्टम सोमवार सुबह चार बजे हुआ। इसके बाद शवों को बिजनौर लाया गया। सुबह करीब 11 बजे जैसे ही विनोद देवी का शव नगीना और तृष्टि का शव बिजनौर के सिविल लाइन द्वितीय स्थित उनके आवास पर पहुंचा, पूरे घर में कोहराम मच गया। परिजनों की चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया। इस दुखद घटना ने न केवल परिवार को बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह हादसा एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में हवाई यात्रा की चुनौतियों और सुरक्षा मानकों पर सोचने को मजबूर करता है।
SONU

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