बिजनौर में रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना: 9 साल की बच्ची बारिश में नाले के तेज बहाव में बही, घंटों बाद भी लापता!
किरतपुर के लुकमानपुरा में मातम; खेलते-खेलते नाले में गिरी सुब्हाना, स्थानीय प्रशासन और परिजन तलाश में जुटे
Jun 15, 2025, 13:13 IST
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बिजनौर, 15 जून, 2025: बिजनौर के किरतपुर में आज एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ जोरदार बारिश के बीच खेलते हुए एक 9 साल की मासूम बच्ची नाले के उफनते पानी में बह गई. यह दर्दनाक हादसा किरतपुर के मोहल्ला लुकमानपुरा में हुआ, जहाँ नासिर की पुत्री सुब्हाना बारिश का लुत्फ ले रही थी. पानी का बहाव इतना तेज़ था कि पल भर में बच्ची नज़रों से ओझल हो गई और घटना के घंटों बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है.READ ALSO:- बिजनौर में आकाशीय बिजली का कहर: खेत में काम कर रहे किसान की दर्दनाक मौत
पल भर में टूट गई खुशियाँ: कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय निवासियों के अनुसार, सुब्हाना अन्य बच्चों के साथ बारिश में नहा रही थी, जो कि अक्सर बरसात के मौसम में बच्चों का पसंदीदा खेल होता है. लगातार हो रही बारिश के कारण मोहल्ले से गुज़र रहे नाले में पानी का स्तर और बहाव दोनों ही काफी तेज़ हो चुके थे. खेलते-खेलते सुब्हाना अचानक अपना संतुलन खो बैठी और सीधे नाले के विकराल जलप्रवाह में जा गिरी. उसके साथ मौजूद बच्चों ने तुरंत उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन तेज़ बहाव के आगे उनकी कोशिशें नाकाम रहीं. देखते ही देखते, सुब्हाना पानी में तेज़ी से बहती हुई दूर निकल गई और उसकी छोटी सी देह अदृश्य हो गई.
@Shakeel57767846 बिजनौर: तेज बारिश बनी काल, नाले में बह गई 9 साल की मासूम सुब्हाना; रेस्क्यू जारी
— MK Vashisth (@vadhisth) June 15, 2025
किरतपुर में रविवार को तेज बारिश के दौरान मोहल्ला लुकमानपुरा निवासी नासिर की 9 वर्षीय बेटी बच्चों के साथ बारिश में नहा रही थी।
अचानक उसका पैर फिसला और वह बगल के उफनते नाले में जा गिर pic.twitter.com/W9LqeWCRqX
घंटों से जारी है तलाश: उम्मीद और मायूसी के बीच झूलता परिवार
जैसे ही यह खबर फैली, पूरे मोहल्ले में चीख-पुकार मच गई. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और वे बेसुध होकर नाले की ओर ताक रहे हैं, जहाँ उनकी लाडली आखिरी बार दिखी थी. सूचना मिलते ही नगर पालिका चेयरमैन अब्दुल मन्नान तुरंत अपनी टीम के साथ मौके पर पहुँचे. पालिका कर्मियों के साथ मिलकर उन्होंने तुरंत बच्ची की तलाश शुरू की. नाले के किनारे-किनारे और पानी के भीतर भी बच्ची को तलाशा जा रहा है, लेकिन चार घंटे से ज़्यादा समय बीत जाने के बाद भी सुब्हाना का कोई अता-पता नहीं चला है. हर गुज़रता पल परिजनों की उम्मीदों को कमज़ोर कर रहा है और पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है.
यह दुखद घटना एक बार फिर बारिश के मौसम में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है, खासकर उन इलाकों में जहाँ खुले नाले या जलभराव की समस्या है. क्या स्थानीय प्रशासन को ऐसे खतरों के प्रति अधिक जागरूक होकर पहले से कदम नहीं उठाने चाहिए?
