बिजनौर में चार दिवसीय संभागीय नाट्य महोत्सव का आयोजन, एक सकारात्मक पहल
बिजनौर में आयोजित नाट्य महोत्सव एक सराहनीय प्रयास है। यह नाटक केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है बल्कि यह समाज को संदेश देने, जागरूक करने और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच भी प्रदान करता है।
Updated: Feb 7, 2025, 18:26 IST
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बिजनौर जिला प्रभारी अनिल कुमार शर्मा खबरी लाल मीडिया। बिजनौर। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश एवं जिला प्रशासन बिजनौर द्वारा नाट्यदीप के सहयोग से आयोजित चार दिवसीय संभागीय नाट्य महोत्सव का उद्घाटन नगर पालिका अध्यक्ष इंदिरा सिंह, अकादमी सदस्य भारत भूषण शर्मा, कार्यक्रम अधिकारी शैलजा, उपजिलाधिकारी नगर पालिका विकास कुमार, प्रमुख समाजसेवी डॉ. बीरबल सिंह, डॉ. दीपसौरभ सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार एवं संपादक डॉ. पंकज भारद्वाज ने संयुक्त रूप से नटेश्वर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर एवं पुष्प अर्पित कर किया।READ ALSO:-UP बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र सावधान, इस बार उत्तर पुस्तिका पर धार्मिक चिह्न बनाया या नाम लिखा तो नहीं जांची जाएगी उत्तर पुस्तिका
रंग संगम संस्था के कलाकारों द्वारा मंचित नाटक "चोर पुलिस" महज एक साधारण चोर और पुलिस की कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज के गहरे सवालों को उठाता एक महत्वपूर्ण नाटक है। विजय तेंदुलकर द्वारा लिखित एवं शुभम पांडे द्वारा निर्देशित इस नाटक में भ्रष्टाचार, नैतिकता और न्याय के मुद्दों को बहुत ही प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देता है। यह नाटक एक प्रभावी सामाजिक व्यंग्य है, जो मानव स्वभाव, अपराध और नैतिकता के बीच के द्वंद्व को उजागर करता है। यह नाटक मुख्य रूप से समाज में मौजूद अन्याय, भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग पर व्यंग्य करता है।
इस नाटक में शुभम पाण्डेय, गिरिराज श्रीवास्तव, अभिषेक दुबे, सौरभ श्रीवास्तव, शक्ति मिश्रा घायल, स्वाति मिश्रा, स्वाति श्रीवास्तव, अवि पाण्डेय आदि कलाकारों ने यह दिखाने का प्रयास किया कि समाज में कभी-कभी नैतिकता और कानून के नाम पर भी अन्याय होता है। कई बार सही लोग भी परिस्थितियों के कारण अपराध की ओर धकेल दिए जाते हैं। नाटक अंततः यह प्रश्न उठाता है कि क्या केवल "चोरी" ही अपराध है, या सत्ता और व्यवस्था द्वारा किया जाने वाला अन्याय भी उतना ही बड़ा अपराध है? कार्यक्रम को सफल बनाने में इंजी. यशवंत कुमार, गौरव शर्मा, प्रशांत यादव, कृपाल सिंह, सईद, सभासद साहू, रिजवान अहमद का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. भोलानाथ त्यागी, विवेक गुप्ता, राजवीर सिंह, प्रीति राठी, विनीत कुमार, के.के. पीपल, शान मोहम्मद सहित प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। बिजनौर में नाट्य संस्कृति के विकास के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे- इंदिरा सिंह नगर पालिका परिषद अध्यक्ष
बिजनौर शहर ही नहीं बल्कि पूरे जिले में नाट्य संस्कृति को बढ़ावा देने और नाट्य गतिविधियों को मजबूत करने के लिए नगर पालिका परिषद अध्यक्ष इंदिरा सिंह ने कहा कि बिजनौर जिले की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और विकसित करने के लिए नाट्य प्रदर्शन, नुक्कड़ नाटक और अन्य नाट्य आयोजनों को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजनौर में रंगमंच की समृद्ध परंपरा रही है, लेकिन आधुनिक समय में इसमें रुचि कम होती जा रही है। इसे पुनर्जीवित करने के लिए नगर पालिका परिषद नाट्य महोत्सव, नाट्य कार्यशाला और कलाकारों के लिए विशेष मंच उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्रों की स्थापना पर भी विचार किया जा रहा है।
महोत्सव के मुख्य बिंदु:
- विषय: नाटक "चोर पुलिस" ने भ्रष्टाचार, नैतिकता और न्याय जैसे गंभीर मुद्दों को उठाया।
- उद्देश्य: नाट्य संस्कृति को बढ़ावा देना और समाज में जागरूकता पैदा करना।
- भविष्य की योजनाएं: नगर पालिका परिषद ने नाट्य गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं।
इस महोत्सव का महत्व:
- सांस्कृतिक विकास: यह महोत्सव शहर की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करेगा।
- समाज में जागरूकता: नाटक के माध्यम से समाज में जागरूकता पैदा होगी।
- युवाओं को मंच: यह युवा कलाकारों को एक मंच प्रदान करेगा।
- पर्यटन को बढ़ावा: यह शहर में पर्यटन को बढ़ावा देगा।
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही इन योजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा और बिजनौर को रंगमंच के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए डॉ. राजेंद्र चौधरी और नाट्यदीप संस्था का विशेष सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने नागरिकों से भी इस सांस्कृतिक पहल में सक्रिय भागीदारी करने और बिजनौर की नाट्य संस्कृति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहयोग करने की अपील की।