बिजनौर में निजी स्कूलों की मनमानी पर डीएम सख्त, 5 साल तक यूनिफॉर्म नहीं बदलेगी, विशेष दुकान से किताबें खरीदने का दबाव नहीं बना सकेंगे
बिजनौर की जिलाधिकारी जसजीत कौर ने जिले के सभी निजी स्कूलों के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और अभिभावक हितैषी बनाना है। अभिभावकों और सामाजिक संगठनों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की गई है।
Apr 24, 2025, 11:04 IST
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बिजनौर: नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ ही निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर अनावश्यक बोझ डालने और मनमानी करने की शिकायतों पर बिजनौर की जिलाधिकारी जसजीत कौर ने कड़ा रुख अपनाया है। अभिभावकों और विभिन्न संगठनों से मिली शिकायतों का संज्ञान लेते हुए डीएम ने जिले के सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन अनिवार्य होगा।READ ALSO:-मेरठ: कनोहर लाल गर्ल्स पीजी कॉलेज में प्राचार्य पद पर 'निलंबन-बहाली' का 'ड्रामा', कुलपति ने किया बहाल, 3 घंटे बाद प्रबंध समिति ने फिर लौटाया सस्पेंड!
डीएम जसजीत कौर के निर्देशों के अनुसार, अब कोई भी निजी स्कूल कम से कम 5 साल से पहले छात्रों की स्कूल यूनिफॉर्म नहीं बदल सकेगा। यह फैसला हर साल महंगी यूनिफॉर्म खरीदने के अभिभावकों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। इसके साथ ही, स्कूलों द्वारा किसी विशेष दुकान से किताबें, कॉपियां या यूनिफॉर्म खरीदने के लिए अभिभावकों पर किसी भी तरह का दबाव बनाने पर भी रोक लगा दी गई है। स्कूल केवल अपनी पाठ्यपुस्तकों और सामग्री की सूची प्रदान करेंगे, अभिभावक अपनी सुविधानुसार कहीं से भी खरीदारी करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
आज 21 अप्रैल, 2025 को महात्मा विदुर सभागार कलेक्ट्रेट बिजनौर में निजी स्कूलों में ड्रेस/पाठ्य पुस्तक परिवर्तन तथा शुल्क निर्धारण के सम्बन्ध सीबीएसई/आईसीएसई द्वारा संचालित सेकेण्ड्री/सीनियर सेकेण्ड्री स्कूलों के प्रबन्धक/प्रधानाचार्यों के साथ बैठक आयोजित की गयी। pic.twitter.com/FQBQMKZOxL
— DM Bijnor UP (@dmbijnor) April 21, 2025
अन्य महत्वपूर्ण निर्देश:
जिलाधिकारी ने स्कूलों को कई अन्य महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए हैं ताकि पारदर्शिता बनी रहे और अभिभावकों को परेशानी न हो:
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सूचना प्रदर्शन: सभी स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड पर स्कूल का कोड, संबद्धता प्राप्त बोर्ड का विवरण, मान्यता की स्थिति, उपलब्ध विषय और प्रत्येक कक्षा की फीस का पूरा विवरण स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना होगा।
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फीस वापसी नीति: यदि कोई छात्र किसी कारणवश सत्र के बीच में स्कूल छोड़ता है, तो नियमों के अनुसार उसकी शेष फीस अभिभावकों को वापस करनी होगी।
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आरक्षण का पालन: सभी कॉलेजों को नियमानुसार अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों के लिए सीटें आरक्षित रखनी होंगी।
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हेलमेट अनिवार्य: छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, जो छात्र बाइक या स्कूटी से स्कूल आते हैं, उनके लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी छात्र बिना हेलमेट के परिसर में प्रवेश न करे।
यह कार्रवाई मुख्य रूप से नए सत्र में स्कूलों द्वारा अनावश्यक फीस वृद्धि करने, हर साल मनमाने ढंग से यूनिफॉर्म बदलने और महंगी किताबें व सामग्री खरीदने के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाने की लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर की गई है।
डीएम जसजीत कौर ने जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए स्कूलों की रैंडम चेकिंग करें। आकस्मिक निरीक्षण के दौरान यदि कोई स्कूल इन निर्देशों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। डीएम की इस कार्रवाई से अभिभावकों ने राहत की सांस ली है और उम्मीद जताई है कि स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगेगा।
