बिजनौर में कर्ज ने फिर छीना एक मासूम जीवन: शेरकोट में 10वीं के छात्र आदित्य ने लगाया फंदा, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, जिले में 3 दिन में तीसरी आत्महत्या!

शेरकोट में इकलौते बेटे ने फंदा लगाकर की खुदकुशी; पिता पर लाखों का कर्ज, अपना ही मकान बेचकर किराएदार बना परिवार
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Class 10 Student Dies by Suicide
बिजनौर, उत्तर प्रदेश: बिजनौर जनपद में कर्ज का भयावह चेहरा सामने आया है, जिसने एक हंसते-खेलते परिवार के इकलौते चिराग को बुझा दिया। शेरकोट कस्बे में 10वीं कक्षा के एक छात्र आदित्य पुंडीर (बदला हुआ नाम) ने साहूकारों की लगातार धमकियों और मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना बिजनौर में महज तीन दिन के भीतर तीसरी आत्महत्या है, जिसने पूरे जिले को हिलाकर रख दिया है।READ ALSO:-🚨बिजनौर में काल बनकर आई रात: छुट्टी पर घर आए कांस्टेबल की ट्रक से टकराकर मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

 

सुबह मिला मासूम आदित्य का शव, परिवार में मातम
शनिवार की सुबह जब आदित्य का शव उसके कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला, तो पूरे परिवार और मोहल्ले में कोहराम मच गया। घर का इकलौता बेटा, जो अभी अपनी ज़िंदगी के सपने संजो रहा था, अचानक इस तरह चला जाएगा, किसी ने सोचा भी नहीं था। परिजनों के चीखने-चिल्लाने की आवाज़ें सुनकर पड़ोसी इकट्ठा हो गए, और हर कोई इस हृदयविदारक घटना से स्तब्ध था।

 

लाखों का कर्ज, अपना ही मकान बिका, अब उसी में किराएदार!
आदित्य के पिता, संजय पुंडीर (बदला हुआ नाम), एक लकड़ी के ठेकेदार हैं और उन पर लाखों रुपये का भारी कर्ज था। इस कर्ज के बोझ तले दबे संजय पुंडीर कर्ज उतारने की कोशिश में हरिद्वार में काम करने चले गए थे। लेकिन, उनकी गैर-मौजूदगी में साहूकार और फाइनेंस कंपनियों के एजेंट लगातार उनके घर आकर नाबालिग आदित्य पर ही कर्ज चुकाने के लिए दबाव बना रहे थे।

 

परिवार की माली हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उन्हें अपना तीन मंजिला पैतृक मकान बेचना पड़ा। विडंबना देखिए कि अब यह परिवार उसी मकान में किराएदार बनकर रहने को मजबूर है, जिसकी हर ईंट पर उनकी अपनी यादें जुड़ी थीं।

 

धमकियों और डांट से टूट गया था किशोर
परिजनों ने बताया कि कर्जदारों की आए दिन की डांट-फटकार और धमकियों ने किशोर आदित्य को अंदर से पूरी तरह तोड़ दिया था। एक नाबालिग बच्चे के लिए यह मानसिक प्रताड़ना असहनीय हो गई थी, और अंततः उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया। यह घटना समाज को एक कड़ा संदेश देती है कि कर्ज का दबाव सिर्फ वयस्कों को ही नहीं, बल्कि उनके बच्चों के मन-मस्तिष्क पर भी कितना गहरा और घातक असर डाल सकता है।

 

बिजनौर में आत्महत्याओं की 'तीसरी' घटना, बढ़ती चिंता
बिजनौर जिले में आत्महत्या की बढ़ती दर एक गंभीर सामाजिक समस्या बनकर उभरी है। पिछले तीन दिनों के भीतर यह तीसरी आत्महत्या है:

 

  • कुछ दिन पहले टंडरा गांव में एक मां और उसकी दो बेटियों ने सामूहिक रूप से जहर खाकर जान दे दी थी, जिसके पीछे भी आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव को एक बड़ी वजह माना गया।
  • इसके बाद, एक लकड़ी कारोबारी ने भी कथित तौर पर कर्ज के दबाव में आत्महत्या कर ली थी।
  • और अब, इस मासूम छात्र की दर्दनाक मौत ने कर्ज के जाल में फंसे परिवारों की बेबसी को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

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ये लगातार हो रही घटनाएं स्थानीय प्रशासन और समाज कल्याण संगठनों के लिए एक बड़ी चुनौती हैं, जिन पर तत्काल ध्यान देने और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके। पुलिस मामले की जांच कर रही है और इस दुखद घटना के सभी पहलुओं पर गौर कर रही है।
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