बिजनौर में गुलदार का जानलेवा आतंक जारी: दो दिन में सात लोग घायल, अब तक 28 की मौत, दहशत में ग्रामीण
बिजनौर ज़िले में गुलदार का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते कुछ दिनों में गुलदार के हमलों की घटनाएं तेज़ी से सामने आई हैं, जिससे ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है। ताजा मामला मुबारकपुर तालन और स्योहारा के मीरापुर का है, जहां गुलदार के हमले में कई लोग घायल हो गए।
Apr 18, 2025, 18:44 IST
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बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में गुलदार का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल है। बीते कुछ दिनों में गुलदार के हमले की कई घटनाएँ सामने आई हैं, जिनमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। आलम यह है कि अब तक गुलदार के हमलों ने 28 लोगों की जान ले ली है और सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं।READ ALSO:-बिजनौर में खाकी शर्मसार: ड्यूटी पर नशे में धुत सिपाही सड़क पर लड़खड़ाया, वर्दी में था सिपाही, ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने बचाई लाज; वीडियो हुआ वायरल
नवीनतम घटनाओं के क्रम में, दो दिन पहले मुबारकपुर तालन इलाके में गुलदार के अचानक हमले से छह ग्रामीण बुरी तरह घायल हो गए थे। इस घटना से लोग अभी उबर भी नहीं पाए थे कि एक दिन पहले स्योहारा के मीरापुर गाँव में भी एक किसान गुलदार के हमले में घायल हो गया। इन लगातार हो रही घटनाओं ने ग्रामीणों के बीच डर को और बढ़ा दिया है। लोग शाम ढलते ही घरों से निकलने में कतराने लगे हैं और खेतों पर काम करने जाने वाले किसान भी सहमे हुए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, बिजनौर में गुलदार के हमले अब तक 28 लोगों की जान ले चुके हैं, जो कि एक चिंताजनक स्थिति है। इसके अलावा, इन खूंखार जानवरों के हमलों में सैकड़ों लोग घायल भी हो चुके हैं, जिनमें से कई स्थायी रूप से विकलांग हो गए हैं।
बढ़ते आतंक को देखते हुए वन विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग द्वारा जहाँ एक ओर प्रभावित इलाकों के लोगों को गुलदार से बचाव के तरीकों के प्रति जागरूक किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर आदमखोर हो चुके या आबादी वाले क्षेत्रों में घुस रहे गुलदारों को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जा रहे हैं। हालांकि, ग्रामीणों का मानना है कि यह प्रयास नाकाफी हैं और प्रशासन को गुलदार के बढ़ते आतंक को रोकने के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
ग्रामीणों ने वन विभाग से गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की माँग की है। उनका कहना है कि जब तक इन खूंखार जानवरों को पकड़ा नहीं जाता, तब तक वे चैन से नहीं रह सकते। गुलदार का यह आतंक बिजनौर के ग्रामीण जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है और लोगों के बीच असुरक्षा की भावना गहरी होती जा रही है।
