बिजनौर में बजा 'खतरे' का सायरन, मॉल बना 'सुरक्षित ठिकाना': पहलगाम के बाद गृह मंत्रालय की मुस्तैदी, लोगों ने उल्टे लेटकर किया हवाई हमले से बचाव का अभ्यास!

एसआरएस मॉल में अचानक बजे सायरन से मची हलचल, फिर दिखा एकता और तैयारी का नजारा; जिलाधिकारी और एसपी ने संभाली कमान, दमकल और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर किया मॉक ड्रिल, जानिए क्या था इस 'आपातकालीन' अभ्यास का मकसद...
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DM BIJNOR
बिजनौर (उत्तर प्रदेश): जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद देश भर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। गृह मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी के मद्देनजर, उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में भी संभावित हवाई हमले जैसी आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक महत्वपूर्ण मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। शहर के व्यस्ततम स्थानों में से एक, एसआरएस मॉल, इस अभ्यास का केंद्र बना, जहाँ अचानक बजे सायरन ने लोगों को कुछ देर के लिए चौंका दिया, लेकिन फिर दिखी एक जिम्मेदार नागरिक की तत्परता और सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी का जीवंत प्रदर्शन।READ ALSO:-

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मॉल में मची अफरा-तफरी, फिर दिखा सुरक्षा का संकल्प:
सुबह के 11 बज रहे थे, जब बिजनौर के एसआरएस मॉल में अचानक एक तेज सायरन की आवाज गूंज उठी। मॉल में खरीदारी और अन्य कामों के लिए मौजूद लोग कुछ पल के लिए अचंभित रह गए। लेकिन, यह कोई वास्तविक खतरा नहीं, बल्कि गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद आयोजित हवाई हमले से बचाव का एक सुनियोजित मॉक ड्रिल था। सायरन की आवाज सुनते ही, सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मॉल में मौजूद लोगों ने तुरंत समझदारी दिखाई और बेसमेंट की ओर दौड़ लगाई, जिसे अस्थायी रूप से सुरक्षित ठिकाना बनाया गया था। वहाँ पहुँचकर, सभी लोग सुरक्षा नियमों के अनुसार जमीन पर उल्टे लेट गए, ताकि किसी भी संभावित खतरे से खुद को बचाया जा सके। इस दौरान, लोगों के चेहरों पर सतर्कता और अभ्यास में सहयोग करने का भाव स्पष्ट रूप से दिख रहा था।

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तत्परता से हरकत में आईं आपातकालीन सेवाएं:
मॉक ड्रिल में केवल आम नागरिकों की प्रतिक्रिया ही महत्वपूर्ण नहीं थी, बल्कि जिले की आपातकालीन सेवाओं की तैयारी का भी परीक्षण किया गया। सायरन बजने के कुछ ही मिनटों के भीतर, दमकल विभाग की गाड़ियाँ सायरन बजाती हुई मौके पर पहुँच गईं। उनके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस और प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ भी मुस्तैद दिखे। एनसीसी कैडेट्स की एक टीम भी सक्रिय रूप से राहत और बचाव कार्यों में जुट गई। मॉक ड्रिल के परिदृश्य के अनुसार, नकली 'घायलों' को सावधानीपूर्वक स्ट्रेचर पर लिटाया गया और एंबुलेंस तक पहुंचाया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वास्तविक आपात स्थिति में घायलों को त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सके।READ ALSO:-मेरठ में बजेगा 'खतरे' का सायरन, रात को छाएगा घना अंधेरा: घबराएं नहीं, युद्ध जैसे हालात से निपटने का है ये सिर्फ बड़ा 'अभ्यास'!

 


जिलाधिकारी और एसपी ने संभाली बागडोर:
इस महत्वपूर्ण मॉक ड्रिल का नेतृत्व स्वयं जिलाधिकारी जसजीत कौर और पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा ने किया। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर रहकर पूरे अभ्यास की निगरानी की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उनके साथ, एसपी सिटी संजीव वाजपेई, एडीएम एफआर अरविंद सिंह और एसडीएम सदर अवनीश कुमार जैसे अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। सीओ सिटी संग्राम सिंह और एफएसओ अजय शर्मा सहित पुलिस और प्रशासन की पूरी टीम ने सक्रिय रूप से भाग लिया और मॉल में मौजूद लोगों को हवाई हमले के दौरान बचाव के विभिन्न तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अधिकारियों ने लोगों को शांत रहने, अफवाहों पर ध्यान न देने और सुरक्षा कर्मियों के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी।

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पहलगाम का जवाब और बिजनौर की तैयारी:
यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में आयोजित किया गया है, जब भारत सरकार देश की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से सतर्क है। हाल ही में, भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर निर्णायक कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में लगभग 100 आतंकियों के हताहत होने की सूचना है। इस घटना के बाद गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने की एडवाइजरी जारी की थी। बिजनौर में आयोजित यह मॉक ड्रिल इसी कड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसका उद्देश्य जिले को किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार रखना है।

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मॉक ड्रिल का संदेश: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें:
बिजनौर में एसआरएस मॉल में आयोजित यह मॉक ड्रिल एक सफल अभ्यास रहा, जिसने आम नागरिकों और जिला प्रशासन की तैयारियों का प्रभावी प्रदर्शन किया। यह अभ्यास यह संदेश देता है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सतर्कता, जागरूकता और आपसी समन्वय बेहद जरूरी है। जिलाधिकारी और एसपी ने इस सफल आयोजन के लिए सभी प्रतिभागी विभागों और आम नागरिकों की सराहना की और भविष्य में भी इस तरह के अभ्यासों को जारी रखने की बात कही ताकि जिले के हर नागरिक को सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके। यह मॉक ड्रिल न केवल एक अभ्यास था, बल्कि यह देश की सुरक्षा और एकता के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक था।
SONU

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