दहशत का पंजा, मौत का सन्नाटा: डेरी से लौटते किसान को गुलदार ने खींचा, बिजनौर के संसारपुर में पसरा मातम!
चांदपुर थाना क्षेत्र की घटना; दूध के बजाय मिला दर्दनाक अंत, ग्रामीणों ने वन विभाग की 'लापरवाही' पर उगली आग, कहा - 'कब तक मरते रहेंगे हम?'
Updated: May 17, 2025, 14:39 IST
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बिजनौर: ज़िंदगी की रोज़ी-रोटी कमाने निकले एक और ग्रामीण को बिजनौर में खूंखार गुलदार ने अपना निशाना बना लिया। यह दिल दहला देने वाली घटना चांदपुर थाना क्षेत्र के संसारपुर गाँव की है, जहाँ डेरी से दूध लेकर घर लौट रहे एक किसान पर आदमखोर गुलदार ने अचानक हमला कर दिया। किसान ने अपनी आख़िरी साँस तक गुलदार का मुकाबला किया, लेकिन क्रूर पंजे और नुकीले दाँतों के आगे उनकी एक न चली और मौके पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना से पूरे इलाके में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई है।READ ALSO:-🚭धूम्रपान: हर कश ख़तरनाक! हाई बीपी से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी फेलियर का खतरा, जानें सच्चाई
दूध का सफ़र, बन गया ज़िंदगी का आख़िरी सफ़र
मृतक किसान की पहचान संसारपुर गांव निवासी कमलजीत (लगभग 40-45 वर्ष) के रूप में हुई है। कमलजीत रोजाना की तरह शाम को अपनी डेरी से पशुओं का दूध लेकर घर लौट रहे थे। गाँव से कुछ ही दूरी पर एक सुनसान रास्ते पर घात लगाए बैठे गुलदार ने उन पर बिजली की तेज़ी से हमला किया। यह हमला इतना अचानक था कि कमलजीत को संभलने का मौका ही नहीं मिला।
ज़िंदगी और मौत के बीच जानलेवा संघर्ष
गुलदार के चंगुल में फंसते ही कमलजीत ने अपनी पूरी ताक़त जुटाकर संघर्ष करना शुरू कर दिया। उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए गुलदार को हटाने की हर संभव कोशिश की। बताया जाता है कि वह अपनी लाठी और हाथों से गुलदार पर वार करते रहे। मौत और ज़िंदगी के बीच यह संघर्ष उस सुनसान रास्ते पर काफी देर तक चलता रहा। गुलदार ने कमलजीत के शरीर को बुरी तरह से नोंच डाला, जिससे वह लहुलूहान हो गए।
संघर्ष थमा, छाई मौत की खामोशी; गाँव में पसरा मातम
कमलजीत ने बहादुरी से गुलदार का सामना किया, लेकिन गहरे ज़ख्मों और अत्यधिक खून बह जाने के कारण उनकी हिम्मत जवाब दे गई। संघर्ष स्थल पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया। घटना की खबर जैसे ही गाँव वालों तक पहुँची, हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर मौके की ओर दौड़े। उन्होंने देखा कि कमलजीत का बेजान शरीर ज़मीन पर पड़ा था, जो इस बात की गवाही दे रहा था कि उन्होंने अपनी ज़िंदगी के लिए कितनी ज़ोरदार लड़ाई लड़ी थी। गाँव में मातम पसर गया और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
वन विभाग पर फूटा ग़म और गुस्से का ज्वालामुखी: 'कब तक सोएगा विभाग?'
इस दर्दनाक हादसे के बाद ग्रामीणों का ग़म गुस्से में बदल गया। उन्होंने वन विभाग के खिलाफ़ जमकर प्रदर्शन किया और गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना था कि इस क्षेत्र में पिछले कुछ समय से गुलदार का मूवमेंट बढ़ा है और वन विभाग को इसकी सूचना बार-बार दी गई थी, लेकिन विभाग ने कोई ठोस क़दम नहीं उठाया। ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर कहा कि "वन विभाग कब सोता रहेगा? क्या विभाग किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा था? कमलजीत की मौत के लिए सीधे तौर पर वन विभाग ज़िम्मेदार है।"
पुलिस ने शव को कब्जे में लिया, पोस्टमार्टम की कार्यवाही
घटना की सूचना मिलते ही चांदपुर पुलिस भी तत्काल मौके पर पहुंची। पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया और स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस ने मृतक कमलजीत के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए ज़िला अस्पताल भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मामले की जांच के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बिजनौर में गुलदार का गहराता आतंक: खौफ़ के साए में ज़िंदगी
यह घटना बिजनौर जिले में गुलदार के बढ़ते आतंक की एक और दुखद कड़ी है। जिले के विभिन्न ग्रामीण और वन क्षेत्रों से सटे इलाकों में गुलदार के हमले की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे लोगों में भारी खौफ़ है। किसान खेतों में जाने से डर रहे हैं और ग्रामीण शाम ढलने के बाद घरों से निकलने में भी हिचकिचा रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन और वन विभाग के लिए इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान खोजने की चुनौती को बढ़ा दिया है। ग्रामीण अब जल्द से जल्द आदमखोर गुलदार को पकड़ने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करने की मांग कर रहे हैं।
