बिजनौर में 'लोकहित' के नाम पर 'ठगी': 12 करोड़ लेकर फरार हुई कंपनी, 5000 परिवारों की जिंदगी दांव पर
गुस्साए निवेशकों ने दबोचा मार्केटिंग डायरेक्टर, सरेआम हुई धुनाई; पुलिस ने बचाया, जांच जारी
May 26, 2025, 17:23 IST
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बिजनौर, उत्तर प्रदेश: बिजनौर में एक बार फिर चिटफंड कंपनी की धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है। 'लोकहित निधि फाइनेंस कंपनी' ने हजारों लोगों को मुनाफे का लालच देकर उनसे करीब 12 करोड़ रुपये जमा करवाए और फिर रातोंरात अपने डायरेक्टरों सहित गायब हो गई। इस धोखेबाजी से लगभग 5-6 हजार परिवार अपनी गाढ़ी कमाई गंवा बैठे हैं, जिससे क्षेत्र में भारी आक्रोश और निराशा का माहौल है।READ ALSO:-बिजनौर: निर्माणाधीन शौचालय में मिली युवक की लाश, गले में तार; आत्महत्या की आशंका, परिवार सदमे में
पकड़ा गया आरोपी, फूटा जनता का गुस्सा:
सोमवार को इस धोखाधड़ी से गुस्साए लोगों ने कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर नवनीत चंदेल को मुरादाबाद रोड स्थित विवेक कॉलेज के पास दबोच लिया। आक्रोशित भीड़ ने उसे ईदगाह रोड पर ले जाकर जमकर पीटा, जिससे उसके कपड़े तक फट गए। खबर फैलते ही बड़ी संख्या में निवेशक मौके पर पहुंच गए, और स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
@Shakeel57767846 🔴 करोड़ों की ठगी! बिजनौर में 'लोक हित निधि फाइनेंस' घोटाला,
— MK Vashisth (@vadhisth) May 26, 2025
👉 लालच का जाल, हज़ारों की गाढ़ी कमाई डकार गया गिरोह, करोड़ों की बर्बादी – निवेशकों का फूटा ग़ुस्सा,
आरोपी चढ़ा भीड़ के हत्थे – जमकर पीटा, कपड़े फाड़े
फिर पुलिस को सौंपा pic.twitter.com/YRPO5IP1EL
एजेंट ने खोली पोल:
कंपनी के एजेंट अनिल कुमार ने बताया कि लोकहित निधि लिमिटेड प्राइवेट कंपनी नुमाइश के पास स्थित थी। उसने बताया कि कंपनी ने आकर्षक रिटर्न का झांसा देकर लोगों से पैसे जमा करवाए। जब जमा राशि 12 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, तो कंपनी के मुख्य डायरेक्टर अचानक गायब हो गए। अनिल कुमार खुद भी निवेशकों में शामिल है, जिसने लोगों से इकट्ठा करके 45 लाख रुपये कंपनी में जमा किए थे। मोहित कुमार ने 11 लाख रुपये और मोहम्मद शाहनवाज ने 4 लाख रुपये का निवेश किया था।
पुलिस ने आरोपी को छुड़ाया, जांच जारी:
नवनीत चंदेल के पकड़े जाने के बाद मौके पर पुलिस और भीड़ के बीच काफी देर तक गहमागहमी बनी रही। पुलिस को करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद भीड़ से नवनीत को छुड़ाकर थाने ले जाने में सफलता मिली। इस मामले में पुलिस पहले ही एक अन्य आरोपी अमित कुमार वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। हालांकि, कंपनी के कई अन्य बड़े आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
इस घटना ने एक बार फिर फर्जी चिटफंड कंपनियों के खतरे को उजागर कर दिया है और यह दिखाता है कि कैसे लालच में आकर लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा देते हैं। पुलिस का कहना है कि वे फरार आरोपियों को जल्द ही पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं और निवेशकों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
