केदारनाथ में काल का कोहराम: हेलिकॉप्टर हादसे में बिजनौर की नानी-नातिन समेत 7 की दर्दनाक मौत!
किस्मत का खेल: दो सीटों ने छीनीं दो जानें; सीएम धामी ने हेली सेवाओं पर लगाई रोक, जांच के आदेश
Jun 15, 2025, 15:32 IST
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रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड: देवभूमि केदारनाथ से लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए रविवार की सुबह काल बनकर आई. गौरीकुंड के पास हुए एक भीषण हेलिकॉप्टर क्रैश में पायलट समेत सात लोगों की दुखद मौत हो गई. इस हादसे में उत्तर प्रदेश के बिजनौर से केदारनाथ दर्शन करने पहुंची एक ही परिवार की नानी और उनकी 17 वर्षीय नातिन ने भी अपनी जान गंवा दी, जिससे उनके गृहनगर में मातम पसर गया है. मृतकों में महाराष्ट्र का एक 2 साल का बच्चा भी शामिल है.READ ALSO:-बिजनौर में रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना: 9 साल की बच्ची बारिश में नाले के तेज बहाव में बही, घंटों बाद भी लापता!
परिवार की खुशियां मातम में बदलीं: बिजनौर में पसरा सन्नाटा
नगीना के सीनियर एडवोकेट धर्मपाल सिंह (70) अपनी पत्नी विनोद देवी (67), नातिन तृष्टि रानी (17) और दो पोतों के साथ 13 जून को बिजनौर से केदारनाथ यात्रा पर निकले थे. 14 जून को दर्शन के बाद, पूरा परिवार रविवार तड़के गौरीकुंड हेलीपैड पर पहुंचा. यहीं पर नियति ने अपना क्रूर खेल रचा.
हेलिकॉप्टर में केवल दो ही लोगों के बैठने की जगह बची थी. धर्मपाल सिंह ने अपने पोतों के साथ बेस कैंप पर रुकने का फैसला किया और अपनी पत्नी विनोद देवी और नातिन तृष्टि को हेलिकॉप्टर में बिठाकर भेज दिया. उन्हें शायद ही इस बात का इल्म था कि ये उनकी अपनों से आखिरी मुलाकात होगी. गौरीकुंड से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद, सुबह करीब 5:20 बजे, आर्यन एविएशन कंपनी का यह हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
मां की ज़िद और बेटी का अधूरा सपना
हादसे में जान गंवाने वाली 17 वर्षीय तृष्टि रानी दिल्ली में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थी. पड़ोसियों ने बताया कि तृष्टि शुरुआत में इस यात्रा पर जाने को तैयार नहीं थी, लेकिन उनकी मां ने जोर देकर उन्हें केदारनाथ भेजा था. कौन जानता था कि मां की यही ज़िद उनकी लाडली के लिए अंतिम यात्रा बन जाएगी. तृष्टि का फैशन डिजाइनर बनने का सपना इस हादसे के साथ ही अधूरा रह गया.
हादसे के शिकार कौन-कौन?
इस दुखद हेलिकॉप्टर क्रैश में पायलट सहित कुल 7 लोगों की जान गई है. मृतकों में देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालु शामिल हैं:
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राजवीर सिंह (पायलट, जयपुर, राजस्थान)
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विक्रम सिंह रावत (ऊखीमठ, उत्तराखंड)
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विनोद देवी (उत्तर प्रदेश)
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तृष्टि सिंह (उत्तर प्रदेश)
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राजकुमार सुरेश (गुजरात)
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श्रद्धा राजकुमार जायसवाल (महाराष्ट्र)
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काशी (महाराष्ट्र) - (बताया जा रहा है कि यह 2 साल का बच्चा था)
खराब मौसम बनी वजह, डीएनए टेस्ट के बाद सौंपे जाएंगे शव
शुरुआती जानकारी के अनुसार, खराब मौसम को इस हादसे की मुख्य वजह बताया जा रहा है. घटना की सूचना मिलते ही NDRF और SDRF की रेस्क्यू टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं. गढ़वाल के आईजी राजीव स्वरूप ने बताया कि आग में बुरी तरह झुलसने के कारण शवों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है, इसलिए सभी मृतकों का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, जिसके बाद ही शव परिजनों को सौंपे जाएंगे.
सीएम धामी ने जताई संवेदना, हेली सेवाओं पर लगाई रोक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, "रुद्रप्रयाग में हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की दुखद खबर मिली है. एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन एवं अन्य रेस्क्यू दल राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं."
मुख्यमंत्री ने हादसे के बाद चार धाम यात्रा हेलिकॉप्टर सर्विस पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि भविष्य में हेली सेवा के संचालन को लेकर सख्त नियम बनाए जाएंगे. इसमें हेलिकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की गहन जांच और उड़ान से पहले मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य किया जाएगा, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
इस हादसे ने एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. बिजनौर और नगीना में धर्मपाल सिंह के घर पर परिजनों और जानने वालों का तांता लगा हुआ है, जहां हर आंख में आंसू और हर दिल में गहरा दुख है.
