बिजनौर में 'ब्लैकआउट' मॉक ड्रिल: 15 मिनट अंधेरे में रहा जिला, सायरन बजते ही बंद हुईं लाइटें
गृह मंत्रालय की एडवाइजरी पर हुई कवायद; पहलगाम हमले और जवाबी कार्रवाई के बाद बढ़ी सतर्कता, नागरिकों ने दिया पूरा सहयोग
Updated: May 7, 2025, 21:02 IST
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बिजनौर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दुखद आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत और उसके बाद भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी हवाई कार्रवाई, जिसमें लगभग 100 आतंकवादी मारे गए, के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है। इसी कड़ी में, भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद, बिजनौर जनपद में भी संभावित हवाई हमले जैसी आपात स्थितियों से बचाव के लिए तैयारियों को परखने और नागरिकों को जागरूक करने हेतु एक वृहद मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।READ ALSO:-ऑपरेशन सिंदूर के बाद यूपी हाई अलर्ट पर: 75 जिलों में रेड अलर्ट, पुलिस मुस्तैद; मेरठ जोन में दंगा नियंत्रण के लिए विशेष फोर्स गठित
जिलाधिकारी के निर्देश पर हुआ 'ब्लैकआउट' अभ्यास
जिलाधिकारी जसजीत कौर के निर्देश पर, इस मॉक ड्रिल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रात 8:00 बजे से एक 'ब्लैकआउट' अभ्यास था। इसका मुख्य उद्देश्य हवाई हमले के दौरान दुश्मन को आबादी वाले क्षेत्रों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का आसानी से पता लगाने से रोकना था। इस दौरान, सायरन बजते ही जिले भर के निवासियों ने प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए तुरंत अपने घरों, दुकानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और सड़कों पर चल रहे वाहनों की लाइटें बंद कर दीं।
@Shakeel57767846 🕯️"अंधेरे में दिखी देशभक्ति की चमक!"
— MK Vashisth-Managing Editor-Khabreelal Media & PR (@vadhisth) May 7, 2025
🛡️ बिजनौर में रात 8 बजे जैसे ही सायरन गूंजा, पूरा शहर हुआ शांत… 30 मिनट तक भारत मां के लिए लाइटें बुझीं, दिलों में जला देशप्रेम का उजाला pic.twitter.com/Mn3bQhpkm1
माइक से हुई मुनादी: नागरिकों से मांगा गया सहयोग
ब्लैकआउट से पहले, बिजनौर पुलिस और नगर पालिका द्वारा पूरे जिले में व्यापक अनाउंसमेंट कराया गया था। माइक द्वारा की गई इन घोषणाओं के माध्यम से नागरिकों से संभावित हवाई हमले की स्थिति में अपनी लाइटें बंद करके प्रशासन का सहयोग करने का आग्रह किया गया था। इस पूर्व सूचना का परिणाम यह रहा कि सायरन बजते ही लोगों ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और पूरे 15 मिनट तक जिला अंधेरे में रहा, जिससे वास्तविक आपातकालीन ब्लैकआउट का प्रभावी अभ्यास हो सका। सड़क पर चल रहे वाहन चालकों ने भी अपनी गाड़ियों की लाइटें बंद कर उन्हें किनारे खड़ा कर दिया।
जिले के अन्य हिस्सों में भी हुआ अभ्यास
ब्लैकआउट के अलावा, बिजनौर में अन्य स्थानों पर भी मॉक ड्रिल आयोजित की गई। सुबह 11 बजे शहर के एसआरएस मॉल पर भी एक मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ, जहाँ सार्वजनिक स्थान पर आपात स्थिति से निपटने का अभ्यास किया गया। इसके साथ ही, जिले की सभी तहसीलों में भी लोगों को हवाई हमले से बचाव के तरीकों, सायरन के संकेतों को समझने और सुरक्षित स्थानों पर आश्रय लेने के बारे में जागरूक किया गया।
यह मॉक ड्रिल दर्शाता है कि बिजनौर प्रशासन संभावित खतरों के प्रति गंभीर है और आपदा प्रबंधन के लिए अपनी तैयारियों को लगातार बेहतर बना रहा है। नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और सहयोग ने इस अभ्यास को सफल बनाया, जो आपातकाल में सामूहिक प्रतिक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है।
