बिजनौर की 'विदुर' क्रांति: पापड़ से ई-स्कूटर तक, महिलाओं ने लिखी सफलता की नई कहानी!
नजीबाबाद के धनौरा गांव की 'सूरज' समूह ने साबित किया, दृढ़ संकल्प से हर बाधा पार! मुख्यमंत्री योगी भी हुए मुरीद
Jun 2, 2025, 11:15 IST
|

बिजनौर के नजीबाबाद स्थित गांव धनौरा की महिलाओं ने वो कर दिखाया है, जो किसी प्रेरणादायक कहानी से कम नहीं। महज पांच साल पहले पापड़ और अचार बनाने से शुरू हुआ उनका सफर आज 'विदुर' ब्रांड की ई-स्कूटी और ई-रिक्शा के निर्माण तक पहुंच गया है। इन महिलाओं ने न सिर्फ खुद को आर्थिक रूप से सशक्त किया है, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए महिला सशक्तिकरण का एक अनूठा मॉडल पेश किया है।READ ALSO:-📱मेरठ में B.Ed परीक्षा का 'नकल कांड': अंडरगार्मेंट्स में मोबाइल लेकर पहुंची अभ्यर्थी, फिर...
'सूरज' की किरण: एक छोटे कदम से बड़ा सपना
इस अद्भुत यात्रा की शुरुआत करीब पांच साल पहले हुई थी, जब विपिन देवी ने गांव की सिर्फ पांच महिलाओं को साथ लेकर 'सूरज स्वयं सहायता समूह' का गठन किया। उनका पहला कदम था पापड़ और अचार बनाना। शुरुआती मुश्किलें कई थीं, लेकिन इन महिलाओं ने हार नहीं मानी। अपनी लगन और मेहनत से वे धीरे-धीरे अपने काम में सफल होने लगीं।
इंटरनेट से आया 'इलेक्ट्रिक' आइडिया, 'विदुर' का जन्म
दो साल पहले, विपिन देवी ने इंटरनेट पर इलेक्ट्रिक स्कूटी से जुड़ा एक वीडियो देखा। उन्होंने कुछ और शोध किया तो पाया कि ई-स्कूटी के पार्ट्स को असेंबल करके अपना खुद का ब्रांड बनाया जा सकता है। यहीं से उनके दिमाग में 'विदुर' ब्रांड के नाम से अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटी बनाने का विचार आया, जो उनके समूह की नई पहचान बनने वाला था।
10 लाख का निवेश, IIT मुंबई से मिली ट्रेनिंग
विपिन देवी ने इस महत्वाकांक्षी विचार को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) कार्यालय में प्रस्तुत किया, जहाँ इसे खूब सराहा गया। मिशन की मदद से समूह ने 10 लाख रुपये की पूंजी जुटाई। इसके बाद, एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए समूह की महिलाओं को IIT मुंबई के विशेषज्ञों द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के पार्ट्स जोड़ने का विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया। चंडीगढ़ से ई-स्कूटी के स्पेयर पार्ट्स खरीदकर धामपुर में असेंबल किए गए। इन सभी ई-स्कूटी पर जिले के स्वयं सहायता समूहों का ट्रेडमार्क 'विदुर' का लोगो लगाया गया, जो उनकी पहचान बन गया।
बिजनौर में पहला शोरूम और अब ई-रिक्शा भी!
जून 2024 में, विदुर ब्रांड की इलेक्ट्रिक स्कूटी का पहला शोरूम बिजनौर में खोला गया। समूह अब तक 30 ई-स्कूटी सफलतापूर्वक बेच चुका है। इस सफलता से उत्साहित होकर समूह ने अब ई-रिक्शा का निर्माण भी शुरू कर दिया है, जिसे स्थानीय स्तर पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। 12 सदस्यों वाला यह समूह अब हर महीने 50 से 70 हजार रुपये की शानदार कमाई कर रहा है, जिसने इन महिलाओं को सही मायने में आत्मनिर्भर बनाया है।
मुख्यमंत्री योगी भी हुए 'विदुर मॉडल' के प्रशंसक
'विदुर' ब्रांड की इस असाधारण सफलता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी ध्यान खींचा। 18 मई को उन्होंने समूह की सदस्यों को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर उनकी सराहना की। मुख्यमंत्री ने टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा कि 'विदुर मॉडल' ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण के लिए एक आदर्श उदाहरण है, जिसे पूरे उत्तर प्रदेश में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 'विदुर' ब्रांड ने 'वोकल फॉर लोकल' की असली ताकत को दर्शाया है।
'विदुर' ई-स्कूटी: सस्ती, दमदार और भरोसेमंद!
सूरज स्वयं सहायता समूह के शोरूम में 60,000 से 85,000 रुपये तक की कीमत में इलेक्ट्रिक स्कूटी उपलब्ध हैं। ये स्कूटी एक बार चार्ज करने पर 60 से 120 किलोमीटर तक चलती हैं और इनके साथ गारंटी व वारंटी कार्ड भी दिया जाता है। उपभोक्ताओं का उन पर विश्वास बढ़ रहा है, और लोग लगातार शोरूम पहुंचकर ई-स्कूटी के बारे में जानकारी ले रहे हैं।
सीडीओ पूर्ण बोरा ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा है कि सूरज स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने ई-स्कूटी और ई-रिक्शा बनाने का जो साहसिक निर्णय लिया था, वह अब पूरी तरह सफल होता दिख रहा है। 'विदुर' ब्रांड की स्कूटी जनता के बीच अपनी जगह बना रही है, और समूह की महिलाओं ने अपनी क्षमताओं को साबित कर दिखाया है।
