बिजनौर : गन्ने के खेत में दिखी बाघिन, गांव में दहशत, वन विभाग ने लगाए पिंजरे और इंफ्रारेड कैमरे, ड्रोन कैमरे से भी रखी जा रही नजर
बिजनौर के अमननगर में एक बाघिन के दिखने से क्षेत्र में दहशत फैल गई है। वन विभाग ने बाघिन को पकड़ने के लिए कई प्रयास किए हैं, जिसमें कैमरे लगाना और पिंजरे लगाना शामिल है। स्थानीय लोगों का मानना है कि बाघिन के साथ उसके शावक भी हैं।
Feb 11, 2025, 12:33 IST
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बिजनौर के रेहड़ क्षेत्र के गांव अमननगर में गन्ने के खेत में बाघिन दिखाई देने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। स्थानीय ग्रामीणों से बाघिन के बारे में जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम तुरंत हरकत में आ गई। READ ALSO:-बिजनौर : अज्ञात वाहन की चपेट मे आकर बाइक सवार दो युवकों की दर्दनाक मौत, एक दिल्ली तो दूसरा मुंबई में करता था काम
वन संरक्षक मुरादाबाद रमेश चंद्र और डीएफओ बिजनौर ज्ञान सिंह के नेतृत्व में टीम ने मौके पर पहुंचकर गन्ने के खेतों में तलाशी अभियान चलाया। टीम को खेत में बाघिन के पंजे के निशान मिले, जिससे पुष्टि हुई कि यह वयस्क बाघिन है। माना जा रहा है कि यह बाघिन अमनगढ़ टाइगर रिजर्व से यहां आई है।
कैमरे लगाए गए
वन विभाग ने बाघिन को पकड़ने के लिए दो पिंजरे मंगवाए हैं, जिनमें से एक में बकरा बांधा गया है, जबकि दूसरे को आपात स्थिति के लिए सुरक्षित रखा गया है। इसके अलावा बाघिन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विभिन्न स्थानों पर सात इंफ्रारेड कैमरे भी लगाए गए हैं। वन विभाग ने ड्रोन कैमरों की मदद से भी बाघिन की तलाश की, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है।
वन विभाग ने बाघिन को पकड़ने के लिए दो पिंजरे मंगवाए हैं, जिनमें से एक में बकरा बांधा गया है, जबकि दूसरे को आपात स्थिति के लिए सुरक्षित रखा गया है। इसके अलावा बाघिन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विभिन्न स्थानों पर सात इंफ्रारेड कैमरे भी लगाए गए हैं। वन विभाग ने ड्रोन कैमरों की मदद से भी बाघिन की तलाश की, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है।
बाघिन के साथ में शावक भी मौजूद
वन विभाग बाघिन की मौजूदगी की पुष्टि कर रहा है, वहीं स्थानीय किसानों का दावा है कि बाघिन के साथ उसके शावक भी हैं। वन विभाग की टीम में वन क्षेत्राधिकारी नगीना राकेश कुमार शर्मा, वन क्षेत्राधिकारी अमनगढ़ अंकिता किशोर, वन दरोगा सुनील कुमार राजौरा और जगत सिंह राणा समेत अन्य अधिकारी शामिल हैं, जो लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
वन विभाग बाघिन की मौजूदगी की पुष्टि कर रहा है, वहीं स्थानीय किसानों का दावा है कि बाघिन के साथ उसके शावक भी हैं। वन विभाग की टीम में वन क्षेत्राधिकारी नगीना राकेश कुमार शर्मा, वन क्षेत्राधिकारी अमनगढ़ अंकिता किशोर, वन दरोगा सुनील कुमार राजौरा और जगत सिंह राणा समेत अन्य अधिकारी शामिल हैं, जो लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
विश्लेषण:
- कारण: बाघिन के इस क्षेत्र में आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि भोजन की तलाश, अपने क्षेत्र की रक्षा करना या फिर मानवीय गतिविधियों के कारण अपना प्राकृतिक आवास खो देना।
- चुनौतियां: बाघिन को पकड़ना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। बाघिन जंगली जानवर है और वह मानवों से डरती नहीं है।
- स्थानीय लोगों की चिंता: स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और वे चाहते हैं कि बाघिन को जल्द से जल्द पकड़ा जाए।
- वन विभाग की भूमिका: वन विभाग इस स्थिति से निपटने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है।
क्या किया जाना चाहिए?
- बाघिन को पकड़ना: वन विभाग को बाघिन को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
- स्थानीय लोगों को जागरूक करना: स्थानीय लोगों को बाघ के बारे में जागरूक करना चाहिए ताकि वे सुरक्षित रह सकें।
- वन्यजीव संरक्षण: वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
- मानव-वन्यजीव संघर्ष: मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए।
संभावित समाधान:
- बाघिन को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ना: बाघिन को पकड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाना चाहिए जहां वह मानवों से दूर रहे।
- वन्यजीव सुरक्षा: वन्यजीव सुरक्षा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।