बिजनौर में खुशियों पर काल बनकर टूटी नदी: हाईस्कूल में टॉप करने के दो दिन बाद खो नदी में डूबा होनहार छात्र, परिवार में मातम

 बिजनौर के शेरकोट में पसरा मातम, इकलौते बेटे की मौत से परिवार में कोहराम; पहली बार गया था खो बैराज नदी में नहाने
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SHERKOT
बिजनौर के शेरकोट से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहाँ खुशियों से लबरेज एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। हाईस्कूल की परीक्षा में शानदार सफलता हासिल करने वाले 16 वर्षीय छात्र सिराज की मंगलवार दोपहर खो बैराज नदी में डूबने से मौत हो गई। यह त्रासदी उस समय हुई जब मोहल्ला कायस्थान निवासी शाहिद का इकलौता बेटा सिराज अपने दोस्तों के साथ नदी में नहाने गया था। इस अप्रत्याशित मौत से न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे मोहल्ले में गहरा सदमा और मातम पसर गया है।READ ALSO:-धामपुर में दलित युवती की 'संदिग्ध मौत' से उबाल: नहर में मिला शव, परिजन बोले 'हत्या है', थाने का घेराव!

 

खुशियों की मिठाइयों से मातम के आँसुओं तक का सफर
सिराज ने हाल ही में अपनी हाईस्कूल की परीक्षा में बेहतरीन अंक प्राप्त किए थे, जिससे उसके परिवार में जश्न का माहौल था। उसने अपनी इस सफलता की खुशी में मोहल्ले भर में मिठाइयां बांटी थीं। परिवार को अपने होनहार बेटे पर गर्व था और उसके उज्ज्वल भविष्य के सपने संजोए जा रहे थे। घर में उसकी दो छोटी बहनें हैं, जो अपने भाई को लेकर बेहद उत्साहित थीं। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मिठाइयों की मिठास अभी ज़ुबान पर थी कि उसकी जगह मातम के कड़वे घूँट ने ले ली।

 

नदी का गहरा पानी बना काल
मंगलवार दोपहर सिराज कुछ दोस्तों के साथ खो बैराज नदी में नहाने चला गया। बताया जा रहा है कि नदी में नहाते समय वह अचानक गहरे पानी में चला गया और पानी के तेज बहाव में फंसकर डूबने लगा। उसके दोस्त घबरा गए और तुरंत दौड़कर घर जाकर घटना की सूचना दी। खबर सुनते ही परिजन और स्थानीय लोग बदहवास हालत में नदी की ओर भागे। घंटों की मशक्कत के बाद आखिरकार सिराज के बेजान शरीर को नदी से बाहर निकाला जा सका, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

 

पहली बार गया था नदी किनारे, बन गई अंतिम यात्रा
परिवारवालों ने बताया कि सिराज कभी भी नदी में नहाने नहीं गया था। यह पहला मौका था जब वह दोस्तों के कहने पर नदी की ओर गया और यह उसकी जिंदगी की अंतिम यात्रा बन गई। यह तथ्य इस त्रासदी को और भी मार्मिक बना देता है कि जिस जगह उसने पहली बार कदम रखे, वही जगह उसकी कब्रगाह बन गई।

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शेरकोट में शोक की लहर, परिजनों का टूटा सब्र
सिराज की मौत की खबर आग की तरह पूरे शेरकोट में फैल गई। हर कोई इस होनहार और मिलनसार छात्र की असमय मौत से स्तब्ध है। मोहल्ले में हर घर में उदासी छाई हुई है। सिराज के घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है, उनकी आँखों के सामने से उनके इकलौते बेटे के सपने बिखर गए। दो छोटी बहनें अभी इस बात को समझ ही नहीं पा रही हैं कि उनका लाडला भाई अब कभी वापस नहीं आएगा। यह घटना शेरकोट के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गई है।

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