बिजनौर : अब रोजगार के लिए कही और जाने की जरूरत नहीं! आपके जिला बिजनौर में खुलेगा नया औद्योगिक हब
बिजनौर जिले में गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे के किनारे एक महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना शुरू की गई है। औद्योगिक क्षेत्र के लिए हाईवे के अधिग्रहण के साथ ही जमीन खरीदी जाएगी। बेल्जियम-भारतीय एग्रिस्टो मासा ने 750 करोड़ रुपये का निवेश किया है। राज्य सरकार हाईवे निर्माण और गंगा पर दूसरे पुल के जरिए एनसीआर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी। डीएम ने जमीन चिह्नित करने की मांग उठाई, जिससे निवेशकों की आमद और रोजगार सृजन में तेजी आएगी।
Mar 3, 2025, 12:00 IST
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गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे के किनारे जिले में औद्योगिक क्षेत्र बनाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण करते हुए औद्योगिक क्षेत्र के लिए जमीन खरीदने का प्रयास किया जा रहा है। बाद में इस जमीन को विकसित कर उद्यमियों को बेचा जाएगा। इससे जिले में लंबे समय से औद्योगिक क्षेत्र की मांग पूरी हो सकेगी। READ ALSO:-मेरठ : ऐसा कैसे हुआ? बिना खोले और तोड़े ATM से गायब हो गए 68 लाख, पुलिस भी रह गई हैरान
जिले में उद्योगों की काफी संभावनाएं हैं। बेल्जियम और भारत की संयुक्त कंपनी एग्रिस्टो मास्सा कंपनी ने जिले में 750 करोड़ रुपये का और निवेश किया है। कुछ और बड़े निवेश भी जिले की ओर रुख कर सकते हैं। क्षेत्रफल के हिसाब से बिजनौर जिला पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिलों में शामिल है।
यह अलग बात है कि यहां औद्योगिक क्षेत्र की तलाश लंबे समय से पूरी नहीं हो पाई है। इसका सबसे बड़ा कारण यहां कृषि भूमि की अधिक कीमत और मुख्य मार्गों से बेहतर कनेक्टिविटी का न होना है। मेरठ-पौड़ी एक्सप्रेस-वे जिले से गुजर रहा है लेकिन इसके किनारे औद्योगिक क्षेत्र की तलाश नहीं की गई है।
साथ ही इसे जमीनी स्तर से भी ऊंचा बनाया जा रहा है। अब प्रदेश सरकार ने गोरखपुर-शामली हाईवे के निर्माण की भी घोषणा की है। बताया जा रहा है कि यह हाईवे बिजनौर में चांदपुर तहसील के जलीलपुर क्षेत्र से होकर गुजरेगा। जिले के उद्यमियों ने हाईवे के किनारे औद्योगिक क्षेत्र बनाने की मांग की थी।
इस संबंध में डीएम अंकित कुमार अग्रवाल ने एनएचएआई मेरठ के परियोजना निदेशक को पत्र लिखा है। हाईवे के लिए भूमि चिन्हित करने और अधिग्रहण के समय औद्योगिक क्षेत्र के लिए भी भूमि चिन्हित करने की मांग की है।
- गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक क्षेत्र बनाने की योजना पर काम तेजी से चल रहा है। यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेस-वे पूरे इलाके में रोड कनेक्टिविटी और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।
- जिले में औद्योगिक क्षेत्र की तलाश लंबे समय से पूरी नहीं हो पाई थी। इसका सबसे बड़ा कारण यहां कृषि भूमि की अधिक कीमत और मुख्य मार्गों से बेहतर कनेक्टिविटी का न होना था। लेकिन अब गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ ही जिले में औद्योगिक क्षेत्र की तलाश पूरी होने की उम्मीद है।
- इस एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक क्षेत्र बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है। बाद में इस जमीन को विकसित कर उद्यमियों को बेचा जाएगा। इससे जिले में लंबे समय से औद्योगिक क्षेत्र की मांग पूरी हो सकेगी।
- जिले में उद्योगों की काफी संभावनाएं हैं। बेल्जियम और भारत की संयुक्त कंपनी एग्रिस्टो मास्सा कंपनी ने जिले में 750 करोड़ रुपये का और निवेश किया है। कुछ और बड़े निवेश भी जिले की ओर रुख कर सकते हैं।
- गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक क्षेत्र बनने से जिले में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र का विकास होगा। यह एक्सप्रेस-वे जिले को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र में बदलने में मदद करेगा।
एनसीआर से होगी सीधी कनेक्टिविटी
चांदपुर क्षेत्र में गंगा पुल पहले से बना हुआ है, लेकिन एक और पुल बनाया जाएगा। यहां की कनेक्टिविटी सीधे एनसीआर क्षेत्र से है। इसके अलावा अमरोहा जिला भी यहां से ज्यादा दूर नहीं है। वहां औद्योगिक गतिविधियां जिले से कहीं ज्यादा हैं। बिजनौर दोनों से जुड़ जाएगा।
अभियान से जुड़ी उम्मीदें
- बिजनौर में 11,743 करोड़ रुपये के एमओयू साइन हो चुके हैं
- 100 से ज्यादा इकाइयां जमीन की तलाश में हैं
- 400 नए निवेशक बिजनौर में निवेश करना चाहते हैं
- 12,187 लोगों को रोजगार मिल चुका है
जिले में औद्योगिक क्षेत्र के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। कई निवेशक खुद जमीन खरीद रहे हैं। उद्यमियों से जुड़ी समस्याओं का भी समाधान किया जा रहा है। -पूर्ण बोरा, सीडीओ