बिजनौर : लेखपाल पर सहायता राशि दिलाने के नाम पर सुविधा शुल्क लेने का आरोप, मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, धामपुर तहसील परिसर का मामला
मामला बिजनौर के धामपुर का है। जहां एक महिला हेमा देवी ने आरोप लगाया है कि उसका बेटा प्रियांशु एक साल पहले परीक्षा देने जाते समय सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था। मुरादाबाद के कॉसमॉस अस्पताल में इलाज के दौरान लाखों रुपये खर्च हो गए।
Feb 24, 2025, 22:28 IST
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बिजनौर के धामपुर में एक महिला, हेमा देवी ने एक गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि उनके बेटे प्रियांशु को एक साल पहले एक सड़क दुर्घटना में गंभीर चोटें आईं थी, जब वह परीक्षा देने जा रहे थे। मुरादाबाद के कॉसमॉस अस्पताल में इलाज के दौरान परिवार को भारी खर्च उठाना पड़ा।READ ALSO:-बिजनौर : अमेरिकी यूनिवर्सिटी के पूर्व NRI प्रोफेसर ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या, संपत्ति विवाद बना कारण
दुर्घटना और इलाज:
- प्रियांशु एक साल पहले सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था।
- मुरादाबाद के कॉसमॉस अस्पताल में इलाज पर बहुत पैसा खर्च हुआ।
आर्थिक स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने उसे एक पत्र दिया, जिसमें सरकार से आर्थिक मदद मिलने की संभावना जताई गई थी। इसके बाद उसने तहसील के लेखपाल विपिन कुमार से संपर्क किया। जिसने मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद दिलाने के नाम पर 10 हजार रुपये की मांग की।
आर्थिक सहायता का वादा और भ्रष्टाचार:
- अस्पताल ने आर्थिक मदद के लिए सरकार से संपर्क करने के लिए एक पत्र दिया।
- तहसील के लेखपाल विपिन कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद दिलाने के लिए 10,000 रुपये की मांग की।
- पीड़ित ने 5,000 रुपये दिए, लेकिन छह महीने बाद भी कोई सहायता नहीं मिली।
- जब पीड़ित ने लेखपाल से पूछा, तो उसने गाली-गलौज और मारपीट की।
पीड़िता ने किसी तरह 5 हजार रुपये का इंतजाम कर लेखपाल को दे दिए, लेकिन छह महीने बाद भी सहायता राशि नहीं मिली। सोमवार को जब वह तहसील पहुंची और लेखपाल से पूछताछ की तो वह भड़क गया और गाली-गलौज व मारपीट करने लगा।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रशासन हरकत में आ गया है, वहीं इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
- घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
- प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
- स्थानीय लोगों में आक्रोश है और वे सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
यह घटना भ्रष्टाचार और पीड़ितों के शोषण का एक गंभीर मामला है। वायरल वीडियो के कारण, प्रशासन पर तेजी से कार्रवाई करने का दबाव है।