बिजनौर : नगीना के मुहल्ला लुहारी सराय स्थित मस्जिद सल्लाह वाली में जलसे का आयोजन
यह जलसा इस्लामी शिक्षा, विशेषकर कुरान की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। जलसे में बच्चों को कुरान के ज्ञान के लिए सम्मानित किया गया और इस्लामी मूल्यों को रेखांकित किया गया।
Updated: Feb 14, 2025, 21:32 IST
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खबरी लाल मीडिया नगीना, नगर संवाददाता नवदीप शर्मा (बिजनौर)I नगीना के मोहल्ला लुहारी सराय स्थित मस्जिद सल्लाह वाली में मगरिब की नमाज के बाद जलसे का आयोजन किया गया। मस्जिद के इमाम मुफ्ती मुशाहिद हुसैन ने जलसे की सदारत की जबकि निजामत मुहम्मद रिजवान ने की। इस मौके पर दस बच्चों को कलामे पाक पूरा करने पर शील्ड व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। READ ALSO:-बिजनौर : राष्ट्रीय महिला क्रांति दल की संस्थापक एवं गोपी श्याम समिति के प्रबंधक ने जिलाधिकारी से की मुलाकात
मदरसा शाही मुरादाबाद से आए मुफ्ती अब्दुल हक ने तकरीर में कहा कि पवित्र कुरान एक आसमानी किताब है, जो अल्लाह का चमत्कार है, यह कयामत तक कायम रहेगी। इस किताब में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जा सकता, चाहे वह गलत हो या जबरदस्ती। मस्जिद सल्लाह वाली के स्कूल के बच्चों ने बेहतरीन नात, तकरीर, हदीस का अनुवाद, नजम, तिलावत पेश कर अपने हुनर व ज्ञान का बेहतरीन परिचय दिया।
विशिष्ट अतिथि मुफ्ती अब्दुल हक ने तकरीर में कहा कि कुरान एक चमत्कार है। इसे आए 1446 साल हो गए हैं। लेकिन इसके पढ़ने वाले दुनिया के हर कोने में मौजूद हैं। पहाड़ पर ऊँटनी बनाकर खुदा ने अपना चमत्कार दिखाया और पैगम्बर आए और उन पर किताबें नाजिल हुईं। हजरत मूसा, हजरत ईसा जैसे पैगम्बरों ने किताबें नाजिल कीं। हमारे प्यारे नबी आखिरुज्जमा (स.) पर कुरान नाजिल हुई और खुदा ने इसकी हिफाजत की जिम्मेदारी ली है। अपने बच्चों को कुरान का हाफिज बनाइए और दीन की तालीम के साथ-साथ दुनिया की तालीम भी दिलाइए।
यह हमारा फर्ज है, उन्होंने कहा कि शैतान का काम लोगों को गुमराह करना है, लेकिन खुदा का सच्चा बंदा शैतान के बहकावे में नहीं आएगा। उन्होंने (स.) पूरी दुनिया के लोगों को इंसानियत का पैगाम दिया। आज ये छोटे-छोटे बच्चे जो दीनी तालीम हासिल करके अपना हुनर दिखा रहे हैं, कल यही बच्चे ऊंची दीनी तालीम हासिल करके अहम भूमिका निभाएंगे और दीन की खिदमत करेंगे। अंत में मौलाना अरशद हक्की ने मुल्क की तरक्की और कौम की एकता के लिए दुआ की।
इस मौके पर जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती मुहम्मद ओवैस अकरम, मुफ्ती मुशाहिद हुसैन, हाफिज रफीक अहमद, मुफ्ती फुजैल अहमद, कारी रिजवान अहमद, मौलाना आमिर, मौलाना बिलाल अहमद, मुफ्ती कफील अहमद मजहरी, मौलाना इलियास अहमद, आफताबुद्दीन, महताबुद्दीन, अहमद गुड्डु, अफजाल अहमद, जुबैर अहमद, यावर जैदी, नईम अहमद, मुहम्मद तारिक, अनवर महमूद, इसरार अहमद बब्बू, इजहार अहमद बब्बू, डॉ. शेख नगीनवी, तुफैल अहमद, मुनीर आलम, यासिर शमसी, यासीन सोनी, इलियास सैफी, रियाज सैफी आदि मौजूद रहे।