बिजनौर: गंगा में अवैध मछली शिकार का बड़ा भंडाफोड़, वन विभाग ने जब्त कीं लाखों मछलियां
नवलपुर बैराज में छापेमारी, ग्राम समाज की जमीन पर सुखाई जा रही थीं रोहू और कतला नैन प्रजाति की मछलियां, दो आरोपी फरार
Mar 19, 2025, 13:31 IST
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बिजनौर में वन विभाग ने गंगा नदी में चल रहे अवैध मछली शिकार के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। वन विभाग की टीम ने एक गुप्त सूचना के आधार पर नवलपुर बैराज क्षेत्र में छापेमारी की, जहाँ उन्हें ग्राम समाज की जमीन पर बड़ी मात्रा में मछलियां सुखाई जा रही मिलीं।READ ALSO:-मेरठ में सनसनीखेज हत्याकांड: पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर मर्चेंट नेवी अफसर के किए 15 टुकड़े, सीमेंट के ड्रम में भरकर लगाया ठिकाने
वन विभाग की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पता चला कि इन अवैध रूप से पकड़ी गई मछलियों का इस्तेमाल आटा और अचार बनाने के लिए किया जा रहा था, जिसे बाद में बाजार में ऊंचे दामों पर बेचा जाता था। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर सभी मछलियों को अपने कब्जे में ले लिया है।
क्षेत्रीय वन अधिकारी महेशचंद्र गौतम ने बताया कि जब्त की गई मछलियां रोहू और कतला नैन प्रजाति की हैं। यह चिंताजनक है क्योंकि पकड़ी गई मछलियां अभी वयस्क नहीं थीं, जिससे गंगा में इन प्रजातियों की संख्या बढ़ने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। उन्होंने आगे बताया कि इस अवैध गतिविधि में शामिल गांव के रहने वाले श्याम और उसके बेटे सागर के खिलाफ वन विभाग ने मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल, दोनों आरोपी फरार हैं, और वन विभाग की टीमें उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।
गौरतलब है कि बिजनौर में गंगा नदी और उसके आसपास का क्षेत्र वन विभाग द्वारा आरक्षित घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की मछली पकड़ना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। प्रदेश सरकार गंगा नदी में देशी प्रजातियों की मछलियों की संख्या को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से रोहू और कतला जैसी मछलियों को छोड़ती है।
इस मामले पर डीएफओ ज्ञान सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि गंगा नदी में मछलियों के अवैध शिकार को रोकने के लिए वन विभाग कड़ी कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस विशेष मामले में भी दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। वन विभाग की इस कार्रवाई से अवैध मछली शिकार करने वालों में हड़कंप मच गया है।