बिजनौर : पापा से बाइक दिलाने को कहा...नहीं दिलवाई तो BSC के छात्र ने फांसी लगाकर कर की आत्महत्या, इकलौता बेटा था वंश

 वंश काफी समय से बाइक की जिद कर रहा था। मंगलवार को उसने अपने कमरे में जाकर फांसी लगा ली। इकलौते बेटे की मौत से परिवार गमगीन है।
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बाइक दिलाने की जिद कर रहे बीएससी के छात्र वंश ने मांग पूरी न होने पर फांसी लगा ली। इकलौते बेटे के आत्महत्या करने पर परिवार में मातम छा गया। बिना किसी कानूनी कार्रवाई के ही परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।READ ALSO:-बिजनौर : नूरपुर में समारोह में हर्ष फायरिंग, बच्चों की मौजूदगी में दो नाली बंदूक से की फायरिंग, एक गंभीर अपराध

 

घटना का सार:
  • स्थान: बिजनौर, ज्ञान विहार कॉलोनी
  • घटना: एक छात्र ने बाइक न मिलने पर आत्महत्या कर ली
  • कारण: बाइक की मांग पूरी न होना
  • परिणाम: छात्र की मौत, परिवार में शोक

 

बिजनौर शहर की ज्ञान विहार कॉलोनी में मंगलवार देर शाम अनिल कुमार का बेटा वंश (20) कमरे में चला गया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो परिजनों ने रात 11 बजे दरवाजा तोड़ा तो वंश फंदे से लटका हुआ था। उसे नीचे उतारा गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

 

वंश वर्धमान डिग्री कॉलेज में बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र था। वह काफी समय से परिजनों से बाइक दिलाने की जिद कर रहा था। बाइक की मांग पूरी न होने पर उसने आत्महत्या कर ली। उसके पिता अनिल कुमार मुजफ्फरनगर में पेपर मिल में काम करते हैं। परिवार मूल रूप से यहीं का रहने वाला है। उनकी बेटी, बेटा वंश और पत्नी बिजनौर की ज्ञान विहार कॉलोनी में किराए पर रहते थे। 

 

उधर, आत्महत्या के बाद परिजन वंश का शव मुजफ्फरनगर ले गए। बिजनौर पुलिस को सूचना नहीं दी गई। नगर कोतवाल उदय प्रताप ने बताया कि छात्र की आत्महत्या की सूचना पुलिस को नहीं दी गई।

 

इस घटना से उठने वाले प्रश्न:
  • युवाओं में बढ़ती मांग: क्या युवाओं में ऐशो आराम की चीजों की मांग बढ़ रही है?
  • माता-पिता की भूमिका: क्या माता-पिता अपने बच्चों को सही मार्गदर्शन दे पा रहे हैं?
  • समाज की भूमिका: क्या समाज में बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कोई प्रयास किए जा रहे हैं?
  • शिक्षा व्यवस्था: क्या हमारी शिक्षा व्यवस्था बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बना पा रही है?

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इस घटना से क्या सीख मिलती है:
  • मानसिक स्वास्थ्य: हमें अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।
  • संचार: माता-पिता को अपने बच्चों के साथ खुलकर बात करनी चाहिए।
  • समाज का दबाव: हमें बच्चों पर अनावश्यक दबाव नहीं डालना चाहिए।
  • शिक्षा: बच्चों को जीवन के मूल्यों के बारे में सिखाना चाहिए।
क्या किया जाना चाहिए:
  • काउंसलिंग: बच्चों को काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
  • जागरूकता: लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
  •  शिक्षा में बदलाव: शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाकर बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाया जाना चाहिए।

 

हम सभी को मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास करना चाहिए।

 

यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें अपने आसपास हो रही घटनाओं के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को देनी चाहिए।

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