बिजनौर: 35 करोड़ के पुल का गार्डर टूटकर गिरा, बड़ा हादसा टला; निर्माण कार्य पर उठे गंभीर सवाल
नेशनल हाईवे-709 पर हुआ हादसा, ग्रामीणों ने लगाया घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप; जांच शुरू
Apr 30, 2025, 12:28 IST
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बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में नेशनल हाईवे-709 पर बन रहे एक महत्वपूर्ण पुल के निर्माण कार्य में बड़ी लापरवाही सामने आई है। नगीना कोतवाली देहात क्षेत्र में खटीमा-पानीपत राजमार्ग पर देर शाम निर्माणाधीन पुल का एक विशालकाय गार्डर टूटकर गिर गया। गनीमत रही कि इस अप्रत्याशित घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, हालांकि पुल के नीचे खड़ी एक जेसीबी मशीन मलबे में दब गई। इस हादसे ने पुल के निर्माण में इस्तेमाल की जा रही सामग्री की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।READ ALSO:-मुरादाबाद: मौत बनकर आया हाईवे पर खड़ा 'यमराज', ट्रैक्टर-ट्राली में घुसी तेज रफ्तार कार, बिजनौर के पति-पत्नी और बेटी की दर्दनाक मौत, 3 अन्य गंभीर
क्या हुआ और कब?
यह घटना मंगलवार देर शाम की है। 740 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण कार्य लगभग दो साल से चल रहा है और इस परियोजना पर करीब 35 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। पुल का निर्माण खटीमा-पानीपत राजमार्ग के हिस्से के रूप में किया जा रहा है, जिसका एक भाग मुजफ्फरनगर तक और दूसरा भाग बिजनौर से कोतवाली देहात तक बन रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों और उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जब क्रेन की सहायता से पुल के भारी-भरकम कंक्रीट गार्डर को उठाकर पिलरों पर स्थापित करने का काम चल रहा था, तभी अचानक गार्डर बीच से टूट गया और धड़ाम से नीचे आ गिरा। गार्डर गिरने की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे।
जेसीबी मशीन दबी, जनहानि नहीं
गार्डर के टूटकर गिरने से पुल के पिलर के नीचे खड़ी एक जेसीबी मशीन पूरी तरह से मलबे में दब गई। मशीन को खासा नुकसान पहुंचा है। हालांकि, जिस समय यह हादसा हुआ, उस दौरान गार्डर रखने या उठाने वाले स्थान के ठीक नीचे कोई मजदूर या आम व्यक्ति मौजूद नहीं था। इस कारण एक बहुत बड़ा और जानलेवा हादसा होते-होते टल गया। घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत और अफरा-तफरी का माहौल बन गया और देखते ही देखते घटनास्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई।
ग्रामीणों के आरोप: घटिया निर्माण सामग्री
हादसे की सूचना मिलने पर वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया, भीड़ को नियंत्रित किया और घटना के बारे में जानकारी ली। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने अधिकारियों के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और पुल निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का गंभीर आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना था कि घटिया निर्माण के कारण ही इतना बड़ा और मजबूत दिखने वाला गार्डर अचानक टूट गया। उन्होंने पूरे निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
आगे की कार्रवाई
अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को शांत कराया और उन्हें निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। गार्डर कैसे टूटा, क्या इसमें निर्माण सामग्री की गुणवत्ता में कमी थी या फिर गार्डर रखते समय कोई तकनीकी चूक हुई - इन सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। फिलहाल, संबंधित विभाग ने घटना का संज्ञान लिया है और मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए जा सकते हैं। इस हादसे ने निर्माणाधीन ढांचागत परियोजनाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को उजागर किया है।
