बिजनौर अग्निकांड: पैरालिसिस ने छीनी भागने की ताकत, आग से जलकर हुई बुजुर्ग दंपति की दर्दनाक मौत

 नगीना के गांव कुजेटा में रात में लगी भीषण आग, सुबह राख में मिले 80 वर्षीय पति और 75 वर्षीय पत्नी के शव, बीड़ी से चिंगारी उठने की आशंका
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NAGINA
बिजनौर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक ऐसी हृदय विदारक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है। नगीना तहसील के बढ़ापुर थाना क्षेत्र स्थित गांव कुजेटा में बीती रात एक भीषण अग्निकांड में पैरालिसिस से पीड़ित एक बुजुर्ग दंपति की जिंदा जलकर मौत हो गई। शरीर में हरकत न होने पाने के कारण वे आग की लपटों से बच नहीं सके और कमरे के भीतर ही फंस गए।READ ALSO:-डोली उठने से पहले उठी अर्थी: बदायूं में शादी से चंद घंटों पहले हंसती-खेलती दुल्हन की मौत

 

बेबसी की आग में फंसे पति-पत्नी
यह अत्यंत दुखद घटना गांव कुजेटा निवासी 80 वर्षीय महावीर सिंह और उनकी 75 वर्षीय पत्नी ओमी देवी के साथ हुई। वृद्धावस्था के साथ-साथ दंपति पिछले काफी समय से पैरालिसिस (लकवा) से पीड़ित थे, जिसके कारण उन्हें चलने-फिरने में बेहद मुश्किल होती थी। परिवार के सदस्यों ने बताया कि ओमी देवी को पिछले डेढ़ साल से पैरालिसिस था, जबकि महावीर सिंह को भी हाल ही में दोबारा अटैक आया था, जिससे उनका एक हाथ और पैर काम नहीं कर रहा था।

 

ऊपर के कमरे में थे, नीचे बेटा सो रहा था
जानकारी के मुताबिक, पैरालिसिस की वजह से दंपति मकान के ऊपरी कमरे में रहते थे, ताकि उन्हें बार-बार सीढ़ियां न चढ़नी पड़ें। उनका एक बेटा रूप सिंह इसी मकान के नीचे के कमरे में सो रहा था। रात के अंधेरे में जब यह दर्दनाक हादसा हुआ, तब नीचे सो रहे बेटे को इसकी खबर तक नहीं लगी।

 

बीड़ी बनी मौत की चिंगारी?
घटना के कारणों को लेकर बेटे रूप सिंह और परिजनों ने आशंका जताई है कि आग पिता महावीर सिंह की बीड़ी पीने की आदत के कारण लगी होगी। चूंकि वे पैरालिसिस के कारण एक हाथ का ही इस्तेमाल कर पा रहे थे, संभव है कि बीड़ी जलाते समय या उसे फेंकते समय कोई चिंगारी बिछौने या कमरे में मौजूद किसी ज्वलनशील चीज पर गिर गई हो, जिससे आग तेजी से फैल गई। पैरालिसिस के कारण दंपति चाहकर भी कमरे से बाहर नहीं निकल पाए और आग की भेंट चढ़ गए।

 

धुआं देख पड़ोसियों ने दी सूचना, तब हुआ खुलासा
यह भयानक अग्निकांड रात करीब 3 से 4 बजे के बीच होने का अनुमान है। सुबह के समय जब पड़ोसियों की नींद खुली तो उन्होंने महावीर सिंह के मकान के ऊपरी कमरे से धुआं निकलते देखा। अनहोनी की आशंका होते ही पड़ोसियों ने शोर मचाया और नीचे के कमरे में सो रहे बेटे रूप सिंह को जगाकर घटना की सूचना दी।

 

आग बुझाने पहुंचे तो सामने था भयावह मंजर
पड़ोसियों की सूचना पर हड़बड़ाकर रूप सिंह भागा और ऊपर पहुंचा। कमरे में भीषण आग लगी हुई थी। किसी तरह आग पर काबू पाने की कोशिश की गई, लेकिन जब तक लपटें शांत हुईं, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। कमरे के भीतर रूप सिंह ने देखा कि आग की चपेट में आने से उसके माता-पिता बुरी तरह जल चुके थे और उनकी दर्दनाक मौत हो गई थी।

 

गांव में पसरा मातम, पुलिस जांच में जुटी
इस हृदय विदारक घटना से पूरे गांव कुजेटा में मातम पसर गया। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि हंसते-खेलते, हालांकि बीमारी से जूझते, बुजुर्ग दंपति का इस तरह दुखद अंत हो जाएगा। रूप सिंह ने बताया कि वे पांच भाई हैं, जिनमें से दो गांव में अलग रहते हैं, जबकि तीन भाई लुधियाना में काम करते हैं। उसने तुरंत सभी भाइयों और परिवार के अन्य सदस्यों को घटना की सूचना दी।

 OMEGA

घटना की जानकारी मिलते ही बढ़ापुर थाना प्रभारी और सीओ नगीना अंजनी कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बिजनौर जिला अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना किया है और आग लगने के कारणों की विस्तृत जांच कर रही है। पैरालिसिस के कारण बेबस बुजुर्ग दंपति का इस तरह आग में फंसकर जान गंवाना हर किसी के लिए एक सबक और गहरा सदमा है।
SONU

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