बिजनौर : शेरकोट में तीन झोपड़ियों में लगी आग, 6 पशु झुलसे, दमकल ने आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू

 बिजनौर के धामपुर के शेरकोट क्षेत्र के गांव मंढोरा में गुरुवार शाम अज्ञात कारणों से तीन छप्परपोश घरों में आग लग गई। आग ने कुछ ही देर में भीषण रूप ले लिया।
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बिजनौर के धामपुर के शेरकोट क्षेत्र के गांव मंढोरा में गुरुवार शाम को हुई आग की दुर्घटना एक दुखद घटना है। इस खबर में आग लगने की घटना, नुकसान और प्रशासन की प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दी गई है।READ ALSO:-मेरठ : हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी, 11,560 वर्ग मीटर में बनेगा मंदिर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने किया शिलान्यास
खबर के मुख्य बिंदु:
  • स्थान और समय:  यह घटना बिजनौर जिले के धामपुर क्षेत्र के शेरकोट इलाके के मंढोरा गांव में गुरुवार शाम को हुई।
  • प्रारंभिक घटना: अज्ञात कारणों से तीन छप्परपोश घरों में आग लग गई। छप्परपोश घर होने के कारण आग तेजी से फैली और कुछ ही समय में भीषण रूप धारण कर लिया।

पशु झुलसे: इस आग में छह पशु पशु गंभीर रूप से झुलस गए। जिनमें शामिल हैं:

  • भगत सिंह के दो बछड़े
  • अर्जुन की दो भैंस
  • भूपेंद्र की एक भैंस
  • बलकरन का एक बछड़ा


अन्य संपत्ति हानि: पशुओं के अलावा भूपेंद्र की बुग्गी और इंजन भी आग में जलकर नष्ट हो गए।

  • तत्काल प्रतिक्रिया: ग्रामीणों ने आग लगने की सूचना तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को दी।
  • दमकल विभाग की कार्रवाई: सूचना मिलने के लगभग आधे घंटे के भीतर दमकल की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, जिससे आगे और नुकसान होने से बच गया।
  • प्रशासनिक कार्रवाई: हल्का इंचार्ज महेश कुमार ने बताया कि नुकसान का आकलन करने और पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए लेखपाल को घटना की सूचना दे दी गई है। लेखपाल अब नुकसान का आकलन करके रिपोर्ट तैयार करेंगे जिसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।

 

खबर का महत्व:
  • ग्रामीण क्षेत्रों में आग का खतरा: यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में आग के खतरे को उजागर करती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां छप्परपोश घर अधिक हैं।
  • पशुधन की हानि: पशुधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इस आग में पशुओं की मौत किसानों के लिए एक बड़ी क्षति है।
  • त्वरित प्रतिक्रिया का महत्व: ग्रामीणों और दमकल विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया ने आग को फैलने से रोकने और नुकसान को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • सरकारी सहायता की आवश्यकता: पीड़ित परिवारों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से उचित मुआवजा और सहायता प्रदान करना आवश्यक है।

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आगे क्या हो सकता है:
  • लेखपाल द्वारा नुकसान का आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद, सरकार द्वारा पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जा सकता है।
  • प्रशासन को ग्रामीण क्षेत्रों में आग से सुरक्षा के उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए।
  • लोगों को आग से बचाव के लिए बुनियादी सावधानियां बरतने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

 

यह घटना वास्तव में दुखद है और पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी सहानुभूति है। उम्मीद है कि प्रशासन और समुदाय मिलकर उन्हें इस मुश्किल समय से उबरने में मदद करेंगे।

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