बिजनौर: फीस और पाठ्यक्रम को लेकर लापरवाह निजी स्कूलों पर डीएम की सख्ती

 21 अप्रैल को दोबारा बुलाए गए 66 स्कूलों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य, फीस व यूनिफार्म की जानकारी वेबसाइट पर अनिवार्य
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बिजनौर: बिजनौर जिले के निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि, बार-बार बदलते पाठ्यक्रम और यूनिफार्म को लेकर अभिभावकों की शिकायतों पर प्रशासन सख्त हो गया है। जिलाधिकारी (डीएम) द्वारा 4 अप्रैल को आयोजित बैठक से अनुपस्थित रहने वाले निजी स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को अब दोबारा तलब किया गया है। इन सभी को 21 अप्रैल को डीएम के साथ होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही, बैठक में आने वाले सभी स्कूल प्रबंधकों को फीस और अन्य संबंधित जानकारियों को ऑनलाइन करने के लिए भी पत्र लिखा गया है।READ ALSO:-बिजनौर पुलिस में बड़ा फेरबदल, एसपी अभिषेक झा ने किए कई अधिकारियों के तबादले

 

जिले में सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध कुल 131 निजी विद्यालय संचालित हैं। अभिभावक लंबे समय से इन स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी फीस वृद्धि और बेवजह पाठ्यक्रम में बदलाव से परेशान हैं। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह ने इस मुद्दे को प्रशासन के समक्ष प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद डीएम ने कार्रवाई करते हुए सभी निजी स्कूलों को तलब किया था।

 

डीएम ने 4 अप्रैल को आयोजित बैठक में सभी निजी विद्यालयों को अपनी फीस, यूनिफार्म और पाठ्यक्रम से संबंधित सभी सूचनाओं को अपनी वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अपलोड करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, इस बैठक में केवल 65 स्कूलों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य ही शामिल हुए थे, जबकि 66 स्कूलों ने इस महत्वपूर्ण बैठक से दूरी बनाए रखी थी।

 

डीएम ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए अनुपस्थित रहने वाले सभी 66 स्कूल प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को अब 21 अप्रैल को कलेक्ट्रेट सभागार में शाम 4:30 बजे होने वाली बैठक में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया है। बैठक में आने वाले सभी प्रधानाचार्यों और प्रबंधकों को अपने स्कूल की वेबसाइट पर फीस और अन्य संबंधित जानकारी अपडेट करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

 

जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) जयकरन यादव ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व की बैठक में शामिल न होने वाले सभी प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को 21 अप्रैल को बुलाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी स्कूलों को प्रशासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार अपनी फीस और अन्य जानकारियों का विवरण ऑनलाइन करना होगा।

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प्रशासन ने अभिभावकों को भी राहत देते हुए शिकायत दर्ज कराने का विकल्प दिया है। यदि किसी अभिभावक को स्कूल प्रबंधन के किसी भी निर्णय से कोई आपत्ति है, तो वे इसकी लिखित शिकायत संबंधित स्कूल में कर सकते हैं। यदि 15 दिनों के भीतर उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है, तो वे डीआईओएस कार्यालय में इसकी सूचना दे सकते हैं। शिकायत सही पाए जाने पर दोषी स्कूल पर एक से तीन लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और यहां तक कि उनकी संबद्धता भी समाप्त की जा सकती है।

 

डीएम की इस सख्ती से उम्मीद है कि निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी पर लगाम लगेगी और अभिभावकों को कुछ राहत मिल सकेगी। 21 अप्रैल को होने वाली बैठक में अनुपस्थित स्कूलों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
SONU

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