बिजनौर : धामपुर में मालवीय जयंती के पावन अवसर पर जिला विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
यह शिविर पंडित मदन मोहन मालवीय जी के जीवन और कार्यों को याद करने के साथ-साथ विधिक साक्षरता को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट प्रयास था।
Updated: Dec 26, 2024, 15:48 IST
|
बिजनौर जिला प्रभारी अनिल कुमार शर्मा खबरी लाल मीडिया। मालवीय जयंती के पावन अवसर पर जिला विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में पंडित मदन मोहन मालवीय जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए पीएलबी तहसील धामपुर जयवीर सिंह सिसोदिया ने अपने संबोधन में कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय जी एक आदर्श पुरुष थे और सत्यमेव जयते के नारे को लोकप्रिय बनाने का श्रेय मालवीय जी को जाता है। मालवीय जी की कानूनी ज्ञान पर अच्छी पकड़ थी। मालवीय जी ने रोलेक्स एक्ट के खिलाफ साढ़े चार घंटे और रिलीज बिल पर 5 घंटे तक लगातार भाषण दिया था। READ ALSO:-मेरठ : UP रोडवेज का यात्रियों को तोहफा, जनरथ एसी बसों में किराए में 20% की छूट, जानिए अब किस रूट पर कितना होगा टिकट का दाम
शिविर में अपने विचार व्यक्त करते हुए पीएलबी शिखा रानी शर्मा ने कहा कि मालवीय जी ने विधिक सेवा प्राधिकरण के बारे में कहा था कि उनका मुख्य लक्ष्य समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करना और विवादों को सुलझाने के लिए लोक अदालतों का आयोजन करना था। लोक अदालतों की प्रथा 1987 में शुरू हुई थी।
यह शिविर पंडित मदन मोहन मालवीय जी के जीवन और कार्यों को याद करने के साथ-साथ विधिक साक्षरता को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट प्रयास था। शिविर में मालवीय जी के जीवन और उनके विधिक ज्ञान पर प्रकाश डालते हुए समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता और लोक अदालतों के महत्व पर जोर दिया गया।
शिविर में उठाए गए प्रमुख बिंदु:
-
पंडित मदन मोहन मालवीय: शिविर में पंडित मदन मोहन मालवीय जी को एक आदर्श पुरुष के रूप में प्रस्तुत किया गया। उनके जीवन और कार्यों का विस्तार से वर्णन किया गया।
-
सत्यमेव जयते: मालवीय जी को ही इस नारे को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है।
-
कानूनी ज्ञान: मालवीय जी की कानूनी जानकारी पर अच्छी पकड़ थी। उन्होंने रोलेक्स एक्ट और निर्मोचन बिल जैसे मुद्दों पर लंबे भाषण दिए थे।
-
विधिक सेवा प्राधिकरण: मालवीय जी के विजन के अनुसार, विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करना और विवादों को सुलझाने के लिए लोक अदालतों का आयोजन करना है।
-
लोक अदालत: शिविर में लोक अदालतों के महत्व पर भी जोर दिया गया। बताया गया कि लोक अदालतें 1987 से प्रचलन में हैं।
शिविर में उपस्थित लोग:
शिविर में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें पीएलवी जयवीर सिंह सिसोदिया, पीएलवी शिखा रानी शर्मा, पीएलवी नुसरत फिरदौस, राजीव कुमार, डॉक्टर जितेंद्र कौशिक, अनिल शर्मा एडवोकेट, राजीव कुमार, प्रमोद कुमार अग्रवाल, कुलमानी सिंह राजपूत, मनोज कात्यान, विपिन शर्मा, धर्मवीर शर्मा, संजीव शर्मा कैटर्स, विवेक कुमार मोनू, संदीप शर्मा, उमाशंकर एडवोकेट और संजय कात्यान एडवोकेट शामिल थे।
शिविर में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें पीएलवी जयवीर सिंह सिसोदिया, पीएलवी शिखा रानी शर्मा, पीएलवी नुसरत फिरदौस, राजीव कुमार, डॉक्टर जितेंद्र कौशिक, अनिल शर्मा एडवोकेट, राजीव कुमार, प्रमोद कुमार अग्रवाल, कुलमानी सिंह राजपूत, मनोज कात्यान, विपिन शर्मा, धर्मवीर शर्मा, संजीव शर्मा कैटर्स, विवेक कुमार मोनू, संदीप शर्मा, उमाशंकर एडवोकेट और संजय कात्यान एडवोकेट शामिल थे।
शिविर का महत्व:
यह शिविर विधिक साक्षरता को बढ़ावा देने और लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस तरह के शिविरों के माध्यम से, लोग कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में अधिक जान सकते हैं और अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
यह शिविर विधिक साक्षरता को बढ़ावा देने और लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस तरह के शिविरों के माध्यम से, लोग कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में अधिक जान सकते हैं और अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
मालवीय जयंती पर आयोजित यह विधिक साक्षरता शिविर एक सराहनीय प्रयास था। इस तरह के शिविरों से समाज में कानूनी जागरूकता बढ़ती है और लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होते हैं।