बिजनौर: चांदपुर से हस्तिनापुर-मेरठ मार्ग तैयार, तीन साल बाद फिर फर्राटा भरेंगे वाहन, बाढ़ का खतरा भी टला!
तीन साल का इंतजार खत्म: नए पुलों से बारिश में भी नहीं कटेगी सड़क, मेरठ की दूरी हुई आधी, आवागमन हुआ आसान
Jun 28, 2025, 18:09 IST
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बिजनौर, उत्तर प्रदेश: बिजनौर और मेरठ के बीच आवागमन का सबसे महत्वपूर्ण रास्ता अब पूरी तरह से तैयार हो चुका है! चांदपुर क्षेत्र में पिछले तीन वर्षों से खस्ताहाल पड़ा हस्तिनापुर को मेरठ से जोड़ने वाला मार्ग बनकर तैयार हो गया है। यह खबर बिजनौर और मेरठ दोनों जिलों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, क्योंकि अब इस मार्ग पर वाहन बेधड़क फर्राटा भरते नजर आएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि गंगा नदी पर बने तीन नए पुलों ने बरसात के दिनों में सड़क के कटने की समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है, जिससे निर्बाध आवागमन सुनिश्चित होगा।READ ALSO:-मेरठ में सड़क सुरक्षा पर DM सख्त: बिना हेलमेट पेट्रोल बेचने वालों पर गिरेगी गाज, ₹25 हजार का इनाम भी!
मेरठ की राह हुई आसान, आधी हुई दूरी
मेरठ को हस्तिनापुर होते हुए सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए गंगा नदी पर एक पुल का निर्माण कराया गया था। लगभग चार साल पहले जब इस पुल का अप्रोच मार्ग बना, तो यह अनाधिकृत रूप से ही यातायात के लिए खुल गया था। इससे मेरठ की दूरी काफी कम हो गई थी, जिससे बड़ी संख्या में लोग इस रास्ते का इस्तेमाल करने लगे थे और उन्हें समय की बचत हो रही थी।
मेरठ को हस्तिनापुर होते हुए सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए गंगा नदी पर एक पुल का निर्माण कराया गया था। लगभग चार साल पहले जब इस पुल का अप्रोच मार्ग बना, तो यह अनाधिकृत रूप से ही यातायात के लिए खुल गया था। इससे मेरठ की दूरी काफी कम हो गई थी, जिससे बड़ी संख्या में लोग इस रास्ते का इस्तेमाल करने लगे थे और उन्हें समय की बचत हो रही थी।
2022 की बाढ़ का दर्दनाक सबक, अब मिली स्थायी राहत
हालांकि, वर्ष 2022 में आई भीषण बाढ़ ने इस मार्ग को गंभीर नुकसान पहुंचाया था। पुल का अप्रोच मार्ग पूरी तरह से बह गया था, जिससे हस्तिनापुर होते हुए मेरठ जाने का रास्ता बंद हो गया। इस बंदी ने हस्तिनापुर की ओर से आने वाले सरकारी कर्मचारियों और आम जनता को भारी मुश्किलों में डाल दिया था। उस दौरान, पुल के पास एक नाव के पलट जाने से एक अध्यापक की दुखद मौत भी हो गई थी, जिसने इस मार्ग की तत्काल मरम्मत की जरूरत पर जोर दिया था।
हालांकि, वर्ष 2022 में आई भीषण बाढ़ ने इस मार्ग को गंभीर नुकसान पहुंचाया था। पुल का अप्रोच मार्ग पूरी तरह से बह गया था, जिससे हस्तिनापुर होते हुए मेरठ जाने का रास्ता बंद हो गया। इस बंदी ने हस्तिनापुर की ओर से आने वाले सरकारी कर्मचारियों और आम जनता को भारी मुश्किलों में डाल दिया था। उस दौरान, पुल के पास एक नाव के पलट जाने से एक अध्यापक की दुखद मौत भी हो गई थी, जिसने इस मार्ग की तत्काल मरम्मत की जरूरत पर जोर दिया था।
क्षेत्र के लोग लगातार अपने जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों पर इस सड़क के पुनर्निर्माण के लिए दबाव बना रहे थे।
तीन 'वरदान' पुलों से खत्म हुआ जलजमाव का संकट
जनता की मांग और आवश्यकता को समझते हुए, दो माह पहले सड़क का निर्माण कार्य तेजी से शुरू किया गया, जो अब पूरा हो चुका है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने गंगा के उस पार चेतावाला गांव के निकट, जहां पहले बाढ़ के पानी से सड़क कट जाती थी, वहां पर तीन नए और मजबूत पुलों का निर्माण किया है।
जनता की मांग और आवश्यकता को समझते हुए, दो माह पहले सड़क का निर्माण कार्य तेजी से शुरू किया गया, जो अब पूरा हो चुका है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने गंगा के उस पार चेतावाला गांव के निकट, जहां पहले बाढ़ के पानी से सड़क कट जाती थी, वहां पर तीन नए और मजबूत पुलों का निर्माण किया है।
ये नए पुल सुनिश्चित करेंगे कि जब भी गंगा का जलस्तर बढ़ेगा, पानी उनके नीचे से आसानी से निकल जाएगा। इससे न केवल सड़क के कटने की समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी, बल्कि भीषण बरसात के मौसम में भी इस मार्ग पर वाहनों का आवागमन बिना किसी बाधा के जारी रहेगा। पुल निर्माण के साथ ही सड़क भी पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुकी है; बस नए बने पुलों के ऊपर तारकोल से सड़क बनाने का थोड़ा सा काम बाकी है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। यह मार्ग बिजनौर और मेरठ के बीच की दूरियों को मिटाते हुए, क्षेत्र के विकास को नई गति देगा।
