बिजनौर : चांदपुर में भाकियू ने SDM को सौंपा ज्ञापन, 500 रुपये गन्ना मूल्य, म्यूटेशन के नाम पर लूट, ओवरलोड वाहनों पर रोक लगाने की मांग
बिजनौर के चांदपुर में भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत) ने किसानों की समस्याओं को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है। संगठन ने मुख्यमंत्री से किसानों और मजदूरों की 7 प्रमुख मांगों का समाधान करने की मांग की है।
Mar 7, 2025, 00:14 IST
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बिजनौर के चांदपुर में भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत) द्वारा किसानों की समस्याओं को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपने की खबर किसानों के मुद्दों को उठाने और उनके समाधान के लिए किसान संगठनों के प्रयासों को दर्शाती है। यह खबर किसानों की प्रमुख मांगों और स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया को समझने में मदद करती है।READ ALSO:-बिजनौर : शेरकोट में तीन झोपड़ियों में लगी आग, 6 पशु झुलसे, दमकल ने आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू
खबर के मुख्य बिंदु:
संगठन: भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत) ने किसानों की ओर से ज्ञापन सौंपा। यह संगठन किसानों के अधिकारों और हितों के लिए काम करता है।
संगठन: भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत) ने किसानों की ओर से ज्ञापन सौंपा। यह संगठन किसानों के अधिकारों और हितों के लिए काम करता है।
ज्ञापन सौंपा:
एसडीएम (उप-जिलाधिकारी) चांदपुर, बिजनौर को ज्ञापन सौंपा गया। एसडीएम स्थानीय प्रशासन में उच्च पदस्थ अधिकारी होते हैं और किसानों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
एसडीएम (उप-जिलाधिकारी) चांदपुर, बिजनौर को ज्ञापन सौंपा गया। एसडीएम स्थानीय प्रशासन में उच्च पदस्थ अधिकारी होते हैं और किसानों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ज्ञापन का उद्देश्य:
किसानों और मजदूरों की समस्याओं का समाधान करने के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध करना। ज्ञापन में 7 प्रमुख मांगों का उल्लेख किया गया है जिनका समाधान किसान संगठन मुख्यमंत्री से चाहता है।
किसानों और मजदूरों की समस्याओं का समाधान करने के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध करना। ज्ञापन में 7 प्रमुख मांगों का उल्लेख किया गया है जिनका समाधान किसान संगठन मुख्यमंत्री से चाहता है।
प्रमुख मांगें:
- ज्ञापन में किसानों द्वारा उठाई गई 7 प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
- गन्ना मूल्य ₹500 प्रति कुंतल करना: किसान संगठन गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाकर ₹500 प्रति कुंतल करने की मांग कर रहा है। गन्ने का उचित मूल्य किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है।
- सूखी फसलों का मुआवजा: प्राकृतिक आपदाओं या अन्य कारणों से सूखी हुई गन्ना फसलों के लिए किसानों को मुआवजा देने की मांग की गई है। मुआवजा मिलने से किसानों को फसल नुकसान से होने वाले वित्तीय संकट से राहत मिलेगी।
- बिजली वितरण में लंबित समस्याएं: बिजली विभाग से संबंधित किसानों की लंबित समस्याओं का तत्काल समाधान करने की मांग की गई है। बिजली आपूर्ति और बिलिंग संबंधी समस्याएं किसानों के लिए खेती और घरेलू कार्यों में बाधा बनती हैं।
- म्यूटेशन के नाम पर लूट रोकना: तहसील कार्यालयों में म्यूटेशन (नामांतरण) की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और अवैध वसूली को रोकने की मांग की गई है। म्यूटेशन की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने से किसानों को अनावश्यक खर्चों और परेशानियों से बचाया जा सकेगा।
- जंगलों में तेंदुओं को छोड़ना: रिहायशी इलाकों में तेंदुओं के खतरे को देखते हुए, पकड़े गए तेंदुओं को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर जंगलों में छोड़ने की मांग की गई है। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम किया जा सकेगा और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
- ओवरलोड वाहनों पर रोक लगाना: सड़कों पर ओवरलोड (अधिक भार वाले) वाहनों के संचालन पर रोक लगाने की मांग की गई है। ओवरलोड वाहन सड़कों को नुकसान पहुंचाते हैं और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ाते हैं।
- चीनी मिल से नई प्रजाति के बीज: किसान चीनी मिलों से किसानों को उचित मूल्य पर गन्ने की नई और उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। अच्छे गुणवत्ता वाले बीज से गन्ना उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है।
- उपस्थित किसान नेता: ज्ञापन सौंपने के दौरान तहसील अध्यक्ष पुष्पेंद्र चौधरी, कुलदीप तोमर, जितेंद्र, शहजाद मलिक, शमसुद्दीन, जाहिद और सुखवेंद्र सिंह समेत कई किसान नेता उपस्थित थे। यह किसानों के मुद्दों के प्रति संगठन की गंभीरता और सामूहिक प्रयास को दर्शाता है।
खबर का महत्व:
यह खबर किसानों के महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करती है और सरकार तथा प्रशासन का ध्यान इन समस्याओं के समाधान की ओर आकर्षित करती है। भारतीय किसान यूनियन जैसे संगठनों के प्रयास किसानों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। किसानों की मांगों पर सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया भविष्य में देखने लायक होगी।
यह खबर किसानों के महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करती है और सरकार तथा प्रशासन का ध्यान इन समस्याओं के समाधान की ओर आकर्षित करती है। भारतीय किसान यूनियन जैसे संगठनों के प्रयास किसानों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। किसानों की मांगों पर सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया भविष्य में देखने लायक होगी।