बिजनौर : दलितों व पिछड़ों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में ASP ने किया प्रदर्शन, मथुरा में 15 दिन में हुई 4 घटनाओं का उठाया मुद्दा, सौंपा ज्ञापन

 बिजनौर में आजाद समाज पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता नुमाइश मैदान में एकत्र हुए और कलेक्ट्रेट तक प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने दलितों और पिछड़े वर्ग पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई। 
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बिजनौर में आजाद समाज पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता नुमाइश मैदान में एकत्र हुए और कलेक्ट्रेट तक प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने दलितों और पिछड़े वर्ग पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई। READ ALSO:-बिजनौर : अब रोजगार के लिए कही और जाने की जरूरत नहीं! आपके जिला बिजनौर में खुलेगा नया औद्योगिक हब

 

प्रदर्शनकारियों ने मथुरा जिले में पिछले 15 दिनों में हुई चार गंभीर घटनाओं का मुद्दा उठाया। मांट थाना क्षेत्र के गांव सिर्रेला में पिछड़े वर्ग के युवक वासुदेव बघेल की हत्या कर दी गई। रिफाइनरी थाना क्षेत्र के गांव करनावल में दलित परिवार की बेटियों की शादी में बाधा पहुंचाई गई और बारात पर हमला किया गया। 

 

सुरीर थाना क्षेत्र के गांव भगत सिंह नगलिया में चंद्रपाल और उनके परिवार पर फायरिंग में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मेरठ के सरधना के गांव कालिंदी में बारात पर हमला कर दुल्हन के जेवर लूट लिए गए। 

 


प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार पर सामंती और जातिवादी तत्वों द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे अत्याचारों का आरोप लगाया। उन्होंने सांसद चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर हमले का भी विरोध किया। 

 

अत्याचारों के मामले:
  • मथुरा और मेरठ में हुई घटनाएं जातिगत भेदभाव और हिंसा को दर्शाती हैं।
  • इन मामलों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

 

सरकार पर आरोप:
  • प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार पर सामंती और जातिवादी तत्वों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
  • सरकार को इन आरोपों का जवाब देना चाहिए और दलितों और पिछड़े वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
MP चंद्रशेखर आजाद पर हमला:
  • सांसद चंद्रशेखर आजाद पर हमला एक गंभीर घटना है और इसकी जांच होनी चाहिए।
  • यह हमला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर हमला है।
मांगें:
  • प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने अत्याचारों को रोकने और दोषियों को सजा देने की मांग की है।
  • प्रशासन को इन मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
  • सामाजिक न्याय की आवश्यकता:
  • यह प्रदर्शन सामाजिक न्याय और समानता की आवश्यकता को उजागर करता है।
  • सरकार और समाज को मिलकर जातिगत भेदभाव और हिंसा को समाप्त करने के लिए काम करना चाहिए।

प्रदर्शन में जितेंद्र राणा, शहजाद अहमद, तुफैल अहमद, प्रदीप दास, शहाबुद्दीन समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रशासन को सौंपा।

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