बिजनौर : मजदूरों को खुदाई में मिला 'खजाना', कब्रिस्तान में खुदाई के दौरान मिले 800 साल पुराने सिक्के
बिजनौर में कब्रिस्तान में खुदाई का काम चल रहा था। इसी दौरान गांव वालों को सिक्कों से भरा घड़ा मिला, जिसे देखने के लिए आस-पास के गांवों से भी लोग आए।
Dec 8, 2024, 20:50 IST
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उत्तर प्रदेश के बिजनौर में खुदाई के दौरान मुगलकालीन सिक्के मिले हैं। इन चांदी के सिक्कों पर अरबी भाषा में लिखा हुआ है। सिक्के मिलने की सूचना मिलते ही आसपास के गांव के लोग एकत्र हो गए। पुलिस ने सिक्कों को अपने कब्जे में लेकर पुरातत्व विभाग को सौंप दिया।READ ALSO:-बढ़ती ठंड के बीच अब Delhi-NCR में कई जगह बारिश, तेज हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन...और भी गिरेगा पारा
खुदाई के दौरान मिले चांदी के सिक्के!
दरअसल, बिजनौर के करौंदा चौधर गांव में मनरेगा के तहत कब्रिस्तान में मेड़बंदी का काम चल रहा था। इसी दौरान एक मनरेगा मजदूर को खुदाई के दौरान मिट्टी का एक घड़ा मिला। घड़ा खोलने पर उसमें 15 सिक्के मिले। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये सिक्के चांदी के हैं। ग्राम प्रधान इकरार अंसारी ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार ने 15 सिक्के अपने कब्जे में ले लिए।
दरअसल, बिजनौर के करौंदा चौधर गांव में मनरेगा के तहत कब्रिस्तान में मेड़बंदी का काम चल रहा था। इसी दौरान एक मनरेगा मजदूर को खुदाई के दौरान मिट्टी का एक घड़ा मिला। घड़ा खोलने पर उसमें 15 सिक्के मिले। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये सिक्के चांदी के हैं। ग्राम प्रधान इकरार अंसारी ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार ने 15 सिक्के अपने कब्जे में ले लिए।
सिक्कों पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ
ग्रामीणों ने बताया कि सिक्कों पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ है। इतना ही नहीं सिक्कों पर हिजरी 1191 का वर्ष भी लिखा हुआ है। गांव वालों ने बताया कि कब्रिस्तान में खुदाई के दौरान जिस जगह सिक्के मिले हैं, वहां करीब 100 साल पहले तक गांव बसा हुआ था। बाद में गांव वाले इस जगह से हटकर दूसरी जगह बस गए। मृतकों को यहीं दफनाया जाता था। कब्रिस्तान के आसपास खुदाई के दौरान पहले भी कई चीजें मिल चुकी हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि सिक्कों पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ है। इतना ही नहीं सिक्कों पर हिजरी 1191 का वर्ष भी लिखा हुआ है। गांव वालों ने बताया कि कब्रिस्तान में खुदाई के दौरान जिस जगह सिक्के मिले हैं, वहां करीब 100 साल पहले तक गांव बसा हुआ था। बाद में गांव वाले इस जगह से हटकर दूसरी जगह बस गए। मृतकों को यहीं दफनाया जाता था। कब्रिस्तान के आसपास खुदाई के दौरान पहले भी कई चीजें मिल चुकी हैं।