बिजनौर स्वास्थ्य विभाग में बड़ा घोटाला उजागर, ACMO के ड्राइवर का ऑडियो वायरल, अवैध वसूली का आरोप

 चालक ने अवैध वसूली की बात की, ACMO ने अपने दामाद के अस्पताल को सीज करने के बदले लिए थे 30 हजार रुपये; डीएम ने जांच के आदेश दिए, चालक को निलंबित किया गया।
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BIJ
बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (ACMO) राजेंद्र विश्वकर्मा के सरकारी ड्राइवर मनवीर सिंह का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वह कथित तौर पर अवैध वसूली की बात कर रहा है। इस ऑडियो के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है और जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है।READ ALSO:-सहारनपुर में BJP नेता का खौफनाक कृत्य: पत्नी और बच्चों को मारी गोली, तीन बच्चों की मौत, पुलिस को बोला सब को मार डाला

 

वायरल ऑडियो में ड्राइवर मनवीर सिंह और आफताब आलम नामक व्यक्ति के बीच बातचीत रिकॉर्ड है। इस बातचीत में आफताब आलम एक महिला चिकित्सक के लिए डॉक्टर्स रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट की मांग कर रहा है। इस पर ड्राइवर मनवीर सिंह कथित तौर पर कहता है कि "साहब (ACMO) दो हजार रुपए से कम नहीं लेते हैं।"

 

आफताब आलम ने बातचीत के दौरान खुद को एक ACMO का करीबी बताया। इसके जवाब में ड्राइवर मनवीर सिंह ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि ACMO राजेंद्र विश्वकर्मा ने हाल ही में उनके दामाद का अस्पताल सीज कर दिया था और उसे वापस खोलने के लिए तीस हजार रुपए की रिश्वत ली थी। इस बातचीत से स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की परतें खुलती नजर आ रही हैं।

 

मामले की गंभीरता को देखते हुए बिजनौर के जिलाधिकारी (डीएम) ने तत्काल संज्ञान लिया है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की गहन जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी ड्राइवर मनवीर सिंह को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग ने ACMO राजेंद्र विश्वकर्मा से डॉक्टर्स रजिस्ट्रेशन का महत्वपूर्ण चार्ज भी तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है, ताकि जांच निष्पक्ष रूप से हो सके।

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यह घोटाला ऐसे समय में सामने आया है जब जिले में लगभग पांच हजार अप्रशिक्षित डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रैक्टिस कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग इन अवैध चिकित्सकों पर कार्रवाई करने का दावा तो करता है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति कुछ और ही नजर आती है। इस मुद्दे को लेकर हाल ही में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले दर्जनों किसानों ने CMO कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन भी किया था, जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठे थे।

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इस नए ऑडियो क्लिप के वायरल होने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जिला प्रशासन अब इस मामले की तह तक जाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। जांच के बाद और भी खुलासे होने की संभावना है, जिससे बिजनौर के स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार के नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है। फिलहाल, इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।

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