बिजनौर में धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश विफल: हिंदू महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाला इंस्टाग्राम यूजर गिरफ्तार!
इंस्टाग्राम पर भड़काऊ पोस्ट, पुलिस की मुस्तैदी से बड़ा विवाद टला; आईटी एक्ट में हुई कार्रवाई
Jun 19, 2025, 12:19 IST
|

बिजनौर, [19 June 2025)] – बिजनौर के नहटौर से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है, जहाँ पुलिस ने सोशल मीडिया पर हिंदू महिलाओं के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी करने वाले एक शख्स को धर दबोचा है। आरोपी की पहचान मुहल्ला ईदगाह निवासी फारुख, पुत्र मोहम्मद याकूब, के रूप में हुई है। उसकी इस घृणित हरकत से धार्मिक सद्भाव बिगड़ने का खतरा था, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े विवाद को टाल दिया।Read also:-"माँ मुझे माफ़ करना..."वीडियो के बाद मेरठ में खून से लथपथ मिला 11वीं का छात्र, हत्या या आत्महत्या का रहस्य गहराया!
सोशल मीडिया पर नफरत फैलाना पड़ा भारी: शिकायत के बाद तत्काल दबोचा गया आरोपी
मामला सोमवार को तब सामने आया जब फारुख द्वारा इंस्टाग्राम पर की गई एक आपत्तिजनक पोस्ट तेजी से वायरल होने लगी। इस पोस्ट में उसने हिंदू महिलाओं की तस्वीरें इस्तेमाल करते हुए उनके खिलाफ बेहद अशोभनीय और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं, जिसका उद्देश्य सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाना प्रतीत हो रहा था।
#BijnorPolice
— Bijnor Police (@bijnorpolice) June 18, 2025
थाना नहटौर पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले अभियुक्त को किया गिरफ्तार ।#UPPolice pic.twitter.com/qORp74IlHH
जैसे ही यह पोस्ट बिजनौर पुलिस के संज्ञान में आई, विभाग ने तुरंत इसकी गंभीरता को समझा। बिना देर किए जांच शुरू की गई, जिसमें यह पुष्टि हो गई कि आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वाली इंस्टाग्राम आईडी फारुख की ही है। इसके फौरन बाद, नहटौर पुलिस को आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
आईटी एक्ट सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा, मोबाइल भी जब्त; सीधे जेल भेजा गया
नहटौर थानाध्यक्ष धीरज नागर ने मीडिया को बताया कि आरोपी फारुख के खिलाफ आईटी एक्ट (Information Technology Act) की संबंधित धाराओं के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने उसके पास से वह मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया है, जिसका इस्तेमाल उसने इस घृणित अपराध को अंजाम देने के लिए किया था।
गिरफ्तारी के बाद, फारुख को न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस की इस फुर्तीली और निर्णायक कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दिया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर किसी भी धर्म या समुदाय की भावनाओं को आहत करने या धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह घटना उन लोगों के लिए भी एक सबक है जो सोचते हैं कि वे ऑनलाइन कुछ भी कर सकते हैं और बच सकते हैं।
