गाजा पट्टी के नाम पर बिजनौर के शेरकोट में जबरन वसूली का आरोप: मुफ्ती ज़की सहित तीन पर केस दर्ज, पुलिस जांच में जुटी!

 बिजनौर के शेरकोट की जामा मस्जिद के इमाम जकी पर गंभीर आरोप, फतवे की धमकी देकर मांगे पैसे; पुलिस व खुफिया एजेंसियां जांच में जुटीं
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SHERKOT
बिजनौर, [18 जून, 2025] – उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के शेरकोट स्थित जामा मस्जिद के इमाम पर फिलिस्तीन के गाजा पट्टी में युद्ध पीड़ितों की मदद के नाम पर जबरन वसूली का गंभीर आरोप लगा है। स्थानीय निवासी इरशाद ने इमाम जकी और दो अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें पैसे मांगने और धमकी देने का आरोप है। यह मामला सामने आने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है और पुलिस प्रशासन के साथ-साथ खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं।READ ALSO:-चुनाव आयोग की ऐतिहासिक पहल: अब 15 दिन में बनेगा आपका वोटर ID, फर्जी वोटिंग पर लगेगी लगाम!

 

क्या है पूरा मामला?
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष में गाजा पट्टी के लोगों की मदद करना शेरकोट की जामा मस्जिद के इमाम मोहम्मद जकी को मुश्किल में डाल गया है। इमाम जकी, जो पिछले तीन साल से शेरकोट की जामा मस्जिद में इमाम हैं और देवबंद के रहने वाले हैं, एक एनजीओ के माध्यम से गाजा में युद्ध पीड़ितों को मदद पहुंचा रहे थे। उन्होंने मानवता के नाम पर स्थानीय मुसलमानों से आर्थिक मदद की भी अपील की थी।

 


इरशाद का आरोप है कि इमाम जकी और उनके दो साथी लोगों से "फलस्तीन में मानवता की मदद के लिए पैसा दो" कहकर जबरन वसूली कर रहे थे। इरशाद ने दावा किया कि उन्होंने कई लोगों से जबरन पैसे वसूले हैं और जब इरशाद ने पैसे देने से मना किया तो उन्हें भी धमकी दी गई।

 

इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो भी तेजी से प्रसारित हो रहा है, जिसे गाजा का बताया जा रहा है। इस वीडियो में पानी के टैंकर पर कथित तौर पर इमाम जकी की तस्वीर लगी हुई दिख रही है, जिससे यह संकेत मिलता है कि मदद उनके माध्यम से पहुंचाई जा रही थी। हालांकि, जबरन वसूली और धमकी के आरोपों ने इस पूरे मामले को सवालों के घेरे में ला दिया है।

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पुलिस कार्रवाई और जांच का दायरा
इरशाद की शिकायत के आधार पर, पुलिस ने इमाम जकी और दो अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। शेरकोट थाना प्रभारी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि एक एनजीओ के माध्यम से आर्थिक मदद गाजा तक पहुंचाई गई है। हालांकि, जबरन वसूली और धमकी के आरोपों पर गहनता से जांच की जा रही है।

 

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, एलआइयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) और अन्य खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। उन्होंने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है ताकि पूरे मामले की तह तक पहुंचा जा सके और पता लगाया जा सके कि क्या वास्तव में चंदे के नाम पर कोई गलत गतिविधि हुई है। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

 

यह घटना धार्मिक कार्यों के लिए चंदा इकट्ठा करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को रेखांकित करती है, खासकर जब इसमें संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय मुद्दे शामिल हों।
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