आगरा को मिला पहला हाईटेक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर: अब लाइसेंस के लिए देना होगा सेंसर ट्रैक पर टेस्ट

 अरतौनी में स्थापित अत्याधुनिक केंद्र, मंडलायुक्त ने किया लोकार्पण, सड़क सुरक्षा में मील का पत्थर साबित होने की उम्मीद
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आगरा: पुराने ढर्रे से हटकर अब ड्राइविंग सीखने और लाइसेंस पाने की प्रक्रिया आगरा में पूरी तरह से हाईटेक हो गई है। जिले के सिकंदरा क्षेत्र के अरतौनी में उत्तर प्रदेश का संभवतः पहला अत्याधुनिक 'हाईटेक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर और इंस्टीट्यूट' बनकर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन गुरुवार को मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह ने किया। यह केंद्र न केवल प्रशिक्षण के तरीकों को बदलेगा, बल्कि ड्राइविंग टेस्ट को भी पूरी तरह से तकनीकी और निष्पक्ष बना देगा।READ ALSO:-"रामदेव अपनी ही दुनिया में रहते हैं, उन पर कोई नियंत्रण नहीं": 'शरबत जिहाद' टिप्पणी पर दिल्ली हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी....

 

इस नए 'वरदान प्रत्यायन प्रशिक्षण केंद्र' की सबसे बड़ी विशेषता यहां तैयार किया गया 'सेंसरयुक्त ऑटोमेटेड ट्रैफिक ट्रैक' है। अब लर्निंग या परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने आए आवेदकों को मैनुअल टेस्ट के बजाय इसी ट्रैक पर अपना कौशल दिखाना होगा। यह टेस्ट कुल चार चरणों में संपन्न होगा, जिन्हें पास करना अनिवार्य होगा:

 

  1. समानांतर पार्किंग परीक्षण (Parallel Parking Test): वाहन को सटीक तरीके से निर्धारित स्थान पर पार्क करना।
  2. ओवरब्रिज/ढलान परीक्षण (Overbridge/Gradient Test): चढ़ाई और ढलान पर वाहन को नियंत्रित करने की क्षमता का प्रदर्शन।
  3. '8' आकृति में ड्राइविंग (Driving in '8' Shape): सीमित जगह में वाहन को मोड़ना और नियंत्रित करना।
  4. 'S' आकृति में रिवर्स ड्राइविंग (Back Driving in 'S' Shape): कठिन रास्तों पर वाहन को कुशलता से पीछे करना।

 

यह पूरी टेस्टिंग प्रक्रिया 60 उच्च-तकनीकी सेंसरयुक्त कैमरों की पैनी निगरानी में होगी। ये कैमरे आवेदक द्वारा की जाने वाली हर छोटी-बड़ी गलती को पकड़ेंगे और उसका मूल्यांकन करेंगे। इसके अतिरिक्त, पूरे सेंटर परिसर को भी सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है, जिससे संस्थान की हर गतिविधि पर चौबीसों घंटे नज़र रखी जा सकेगी। पूरी टेस्टिंग और प्रशिक्षण प्रक्रिया संभागीय परिवहन अधिकारी (ARTO) और संभागीय निरीक्षक (RI) की सीधी निगरानी में होगी, जिससे मानवीय हस्तक्षेप कम से कम हो और प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहे।

 


लगभग 2 एकड़ भूमि पर विस्तृत इस अत्याधुनिक केंद्र में ड्राइवरों को प्रशिक्षित करने के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं जुटाई गई हैं। इनमें वास्तविक ड्राइविंग का अनुभव देने वाले एडवांस्ड ड्राइविंग सिमुलेटर, सीखने के लिए लर्निंग लैब, वाहनों के रख-रखाव को समझने के लिए वर्कशॉप, आरामदायक और तकनीकी रूप से सुसज्जित क्लासरूम और विभिन्न प्रकार के वाहनों - मोटरसाइकिल, ई-रिक्शा, कार, ट्रक आदि के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए अलग-अलग ट्रैक शामिल हैं। यहां प्रशिक्षण देने वाले सभी प्रशिक्षक उच्चतम मानकों पर प्रशिक्षित तकनीकी अनुदेशक हैं।

 

मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह ने उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में इस पहल की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सेंटर आगरा और आसपास के क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा की स्थिति को सुधारने और सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को काफी हद तक कम करने में एक गेम चेंजर साबित होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब ड्राइविंग सीखना एक स्मार्ट और सुरक्षित अनुभव बन गया है, जिसकी आगरा जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहर को लंबे समय से आवश्यकता थी।

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इस महत्वपूर्ण आयोजन में मंडलायुक्त के साथ पुलिस उपमहानिरीक्षक शैलेश कुमार पांडेय, डीटीसी मयंक ज्योति, आरटीओ प्रशासन अरुण कुमार, प्रवर्तन आरटीओ अनिल कुमार सिंह, एआरटीओ नानक चन्द, ललित कुमार, आलोक कुमार, पीटीओ शिव कुमार मिश्र, अमित वर्मा, शारदा कुमार मिश्रा सहित परिवहन विभाग और पुलिस प्रशासन के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने इस हाईटेक सेंटर को भविष्य की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।
SONU

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