तालिबान का पंजशीर पर कब्जा!, NRF ने दावा खारिज करते हुए कहा पाकिस्तानी फौज और ISI हमसे लड़ रहीं

तालिबान ने रविवार रात को पंजशीर में पाकिस्तान वायुसेना की मदद से खूब तबाही मचाई है। बताया जा रहा है कि इसमें एनआरएफ के कई बड़े नेता मारे गए हैं। जिसके बाद तालिबान ने पंजशीर घाटी पर पूरी तरह कब्जा होने की बात कही है। 
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तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) की पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) पर कब्जे का दावा किया है। तालिबान के मुताबिक, ‘अल्लाह की मदद से और हमारे राष्ट्र के व्यापक समर्थन के साथ, देश की पूर्ण सुरक्षा के लिए हमारे अंतिम प्रयासों का परिणाम हुआ और पंजशीर पूरी तरह से जीत लिया गया है। वहीं, दूसरी ओर विद्रोही संगठन नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट यानी NRF ने तालिबान के दावे को गलत बताया है। वहीं, एनआरएफ ने कहा है कि अहम चौकियो पर अभी भी हमारे कमांडर तैनात हैं।

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तालिबान ने कहा कि उन्होंने नार्दन एलायंस के चीफ कमांडर सालेह मोहम्मद को मार दिया है। अब पंजशीर घाटी इस्लामी अमीरात के नियंत्रण में आ गया है।’ तालिबान ने कुछ तस्वीरों को भी जारी किया है, जिसमें लड़ाकों को पंजशीर गवर्नर ऑफिस के बाहर हथियारों के साथ खड़ा हुए देखा जा सकता है। सोमवार को तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने कहा, तालिबान ने पंजशीर प्रांत पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। ये वो आखिरी इलाका था, जिस पर रेजिस्टेंस फोर्स का नियंत्रण था। हालांकि, अभी तक रेजिस्टेंस फोर्स के नेता अहमद मसूद की तरफ से तालिबान के दावे को लेकर कोई बात नहीं कही गई है।

 

 पूर्व राष्ट्रपति सालेह के घर पर हेलिकॉप्टर से हमला

 

 तालिबारन और रेसिस्टेंट फ्रंट के बीच पंजशीर में जंग जारी है। इस बीच अफगानिस्तान के पत्रकार बिलाल सरवरी ने दावा किया है कि गनी सरकार में उपराष्ट्रपति रहे अमरुल्ला सालेह (Vice President Amrulla Saleh ) के घर पर हेलिकॉप्टर से हमला हुआ है। इसके बाद अमरुल्ला सालेह को पंजशीर में ही किसी अज्ञात जगह छिपना पड़ा है। पत्रकार बिलाल सरवरी का दावा है कि उन्हें ये जानकारी सालेह के करीबी ने दी है। ये भी पता नहीं है कि वो अफगानिस्तान में ही हैं या दूसरे देश चले गए हैं। पढ़ें -  Read ALso : पाकिस्तान: क्वेटा में आत्मघाती हमला, 3 की मौत, 20 घायल; अपने शरीर में बम बांध बाइक सवार ने किया ब्लास्ट

 

पाकिस्‍तानी सेना और आईएसआई हमसे जंग लड़ रही - अहमद मसूद

 

 अफगानिस्तान में अमन की आखिरी उम्मीद विद्रोही नेता अहमद मसूद के राज्य पंजशीर से है। तालिबान के कब्जे के दावे को खारिज करते हुए विद्रोही संगठन नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट यानी NRF ने कहा है कि पंजशीर पर ताबिलान के कब्जे की बात गलत है। एनआरएफ ने कहा है कि अहम चौकियो पर अभी भी हमारे कमांडर तैनात हैं। इसके साथ ही पंजशीर घाटी में अलग अलग जगहों पर भी हमारे लड़ाके तैनात हैं और लड़ाई जारी है। NRF ने उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान के लोग इस लड़ाई को जारी रखेंगे। बताया जा रहा है कि इस बीच पंजशीर में विद्र‍ोहियों के नेता अहमद मसूद सुरक्षित स्‍थान पर चले गए हैं। उन्‍होंने कहा है कि तालिबानी उनसे नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि पाकिस्‍तानी सेना और आईएसआई यह जंग लड़ रहे हैं।  Read ALso : पाकिस्तान: क्वेटा में आत्मघाती हमला, 3 की मौत, 20 घायल; अपने शरीर में बम बांध बाइक सवार ने किया ब्लास्ट

 

जानकारी के अनुसार रविवार रात को जोरदार हमला किया और पंजशीर के विद्रोहियों के किले को भी ध्‍वस्‍त कर दिया। इस तालिबानी-पाकिस्‍तानी हमले में ताजिक मूल के विद्रोही नेता अहमद मसूद को बड़ा झटका लगा है और उनके प्रवक्‍ता फहीम दश्‍ती और शीर्ष कमांडर जनरल साहिब अब्‍दुल वदूद झोर की मौत हो गई। मसूद के ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में पाकिस्‍तान पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मसूद ने कहा कि तालिबान हमारे साथ जंग नहीं लड़ रहा है बल्कि यह पाकिस्‍तानी सेना और आईएसआई है जो उनका नेतृत्‍व कर रही है। तालिबान इतना मजबूत नहीं हैं कि वे हमारा मुकाबला कर सकें लेकिन पाकिस्‍तानी सेना उनके साथ सहयोग कर रही है। 

 

पंजशीर में तालिबानियों के साथ लड़ रही पाकिस्तानी वायुसेना  

 

नार्दर्न एलायंस के मुखिया अमारुल्लाह सालेह की अगुवाई में लड़ रही रेसिस्टेंट फ्रंट  (NATIONAL RESISTANCE FRONT) ने दावा किया है कि पाकिस्तानी वायुसेना (Pakistani Air Force) पंजशीर में तालिबानियों के साथ लड़ रही है। ड्रोन और स्मार्ट बम से पंजशीर पर हमला किया गया है। जिससे रेसिस्टेंट फोर्स को भारी नुकसान हुआ है। इससे पहले भी तालिबान के साथ पाकिस्तान की वायुसेना की नजदीकियां देखी गई हैं।  पढ़ें - पीएम की चेतावनी: पड़ोसी देश के विरोध में नारेबाजी की या वहां के लीडर का पुतला जलाया तो कड़ी कार्रवाई करेंगे।

  


सोवियत संघ से भी पंजशीर के लोगों ने ली थी टक्कर

 

पंजशीर घाटी की आबादी 1.5 से 2 लाख है, ये पहाड़ों से घिरा हुआ इलाका है। काबुल से 90 मील उत्तर में ये हिंदुकुश की पहाड़ियों में स्थित है. जब अफगानिस्तान पर सोवियत संघ ने हमला किया था, तब भी पंजशीर घाटी के लड़ाकों ने उन्हें टक्कर दी थी। इसके अलावा, तालिबान के पिछले कब्जे के दौरान भी यहां के लोगों ने चरमपंथी संगठन के खिलाफ हथियार उठाए थे। तालिबान ने जहां आसानी से देश के अन्य हिस्सों पर कब्जा कर लिया, वहीं पंजशीर पर कब्जे के लिए तालिबान को काफी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। हालांकि, अब तालिबान का यहां पर कब्जा हो चुका है।

 

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