रैपिड रेल न्यूज : रफ्तार होगी 180 किलोमीटर प्रति घंटा की, दिल्ली से मेरठ केवल 60 मिनट में... जानिए रैपिड रेल की पूरी जानकारी

 दिल्ली से मेरठ रैपिड रेल: मेरठ दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर है। इसमें आमतौर पर 2 से 3 घंटे लगते हैं, लेकिन क्षेत्रीय रेल की मदद से अब यह यात्रा केवल एक घंटे में पूरी की जा सकेगी।
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Rapid Rail
भारत की पहली क्षेत्रीय रेल दिल्ली से मेरठ की यात्रा करने वाले लोगों की यात्रा को त्वरित और आसान बना देगी। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल सरकार का अहम प्रोजेक्ट है। आरआरटीएस (RRTS) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कई क्षेत्रों को जोड़ने की योजना है। इसमें यात्री आराम से यात्रा कर सकेंगे। इस ट्रेन से आप दिल्ली से मेरठ केवल 60 मिनट में पहुंच सकेंगे। यह ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।Read Also:-मंकीपॉक्स पर केंद्र की गाइडलाइंस: 21 दिन का आइसोलेशन, ट्रिपल लेयर मास्क जरूरी; WHO की सलाह- सेक्सुअल पार्टनर्स सीमित रखे

 

एक घंटे में पूरी होगी दिल्ली से मेरठ की यात्रा 
दरअसल मेरठ दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर है। इसमें आमतौर पर 2 से 3 घंटे लगते हैं, लेकिन क्षेत्रीय रेल की मदद से अब यह यात्रा एक घंटे में पूरी की जा सकती है। यह ट्रेन सामान्य ट्रेन से बिल्कुल अलग होगी और दिखने में मेट्रो ट्रेन की तरह होगी, साथ ही इसमें कुछ खास फीचर्स भी जोड़े गए हैं।

 

एनसीआरटीसी (National Capital Region Transport Corporation) देश में पहला आरआरटीएस (RRTS) बना रहा है। यह एक रेल आधारित, उच्च गति, उच्च आवृत्ति क्षेत्रीय कंप्यूटर ट्रांजिट सिस्टम है। करीब 82 किमी के इस रैपिड रेल कॉरिडोर का काम 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। कुल 40 ट्रेनों के लिए 210 कोच भी बनाए जाएंगे। मेक इन इंडिया के तहत आरआरटीएस (RRTS) के लिए 100% ट्रेन सेट भारत में बनाए जा रहे हैं।

 

यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं
ट्रेन के दरवाजों में सेंसर से लेकर चराजिंग प्वाइंट और बैठने के लिए खास कुशन वाले सोफे भी होंगे। इस ट्रेन में यात्री कम्फर्ट के हिसाब से लैपटॉप, मोबाइल फोन भी चार्ज कर सकेंगे। इसके साथ ही यात्रियों के लिए वाईफाई की सुविधा भी होगी। ट्रेन के दरवाजों पर सेंसर लगने से यात्री के लिए दरवाजे अपने आप खुल सकेंगे और जब तक वे गेट के पास रहेंगे दरवाजे बंद नहीं होंगे। हालांकि दिव्यांगों के लिए भी अलग से सुविधा होगी, लेकिन स्ट्रेचर ले जाने के लिए भी अलग से सुविधा जोड़ी गई है।

 

इसके अलावा रैपिड ट्रेन दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर मेरठ के मोदीपुरम तक कुल 25 स्टेशनों से होकर गुजरेगी। ट्रेन जे कोच में हवाई जहाज की तरह बैठने की जगह होगी। सामान रखने के लिए स्टैंडिंग स्पेस, लगेज रैक भी उपलब्ध होगा। इस कॉरिडोर में एक बार में करीब 1500 और इस क्षेत्रीय रेल के जरिए रोजाना 8 लाख यात्रियों के आने की उम्मीद है।

 

इस रीजनल ट्रेन में पहले 6 कोच होंगे, जिसे बाद में बढ़ाकर 9 कोच किया जा सकता है। इनमें से एक प्रीमियम कोच, चार स्टैंडर्ड कोच और एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा। इस ट्रेन का निर्माण गुजरात के सावली में किया जा रहा है। इसे मल्टीनेशनल कंपनी एल्सटॉम ने बनाया है।

 

कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर की व्यवस्था
खास बात यह है कि ट्रेन के कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर की व्यवस्था की गई है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है तो इसके लिए अलग से कोच की व्यवस्था की जाती है ताकि मरीज को कम कीमत पर पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही महिलाओं के लिए अलग से कोच की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए अलग-अलग सीटें तैयार की गई हैं, जिन्हें इस्तेमाल न होने की स्थिति में फोल्ड किया जा सकता है।

 

ट्रेन में वाईफाई सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी खिड़कियां, एकीकृत एसी प्रणाली, स्वचालित दरवाजा नियंत्रण प्रणाली, सामान भंडारण, चालक के साथ बातचीत के लिए प्रणाली, गतिशील मार्ग मानचित्र, इंफोटेनमेंट सिस्टम, यात्रियों के लिए रैपिड रेल कोच में सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।  

 

रैपिड रेल में सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग डोर जैसे तमाम हाईटेक फीचर मौजूद हैं। पहले चरण में दुहाई से गाजियाबाद के निकट साहिबाबाद तक 17 किमी की शुरुआत की जाएगी। उम्मीद है कि साहिबाबाद रेलवे स्टेशन से वसुंधरा कॉलोनी के पास दुहाई तक ट्रेन का संचालन अगले साल से शुरू हो जाएगा।

 

एक बार आरआरटीएस (RRTS) कॉरिडोर खुलने के बाद, यात्रियों को स्टेशन के प्रवेश और निकास बिंदुओं, लिफ्टों, प्लेटफार्मों, शौचालयों, दुकानों या आसपास की बसों और ई-रिक्शा का पता लगाने के लिए बस अपना स्मार्टफोन कैमरा खोलना होगा। दरअसल एनसीआरटीसी (NCRTC) यात्रियों के लिए आरआरटीएस (RRTS) सिस्टम का पता लगाने के लिए एक अत्याधुनिक ऑगमेंटेड रियलिटी नेविगेशन टूल विकसित कर रहा है। यह टूल यात्रियों को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर एक स्टेशन के अंदर अपना रास्ता खोजने में मदद करेगा।

 

एनसीआरटीसी (NCRTC) ने कहा कि वह न्यू अशोक नगर में अपने आगामी आरआरटीएस (RRTS) स्टेशन को मौजूदा दिल्ली मेट्रो स्टेशन से जोड़ेगी, जिससे नोएडा से मेरठ जाने वाले यात्रियों को फायदा होगा। नए अशोक नगर आरआरटीएस (RRTS) स्टेशन का निर्माण पहले से चल रहे न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के बहुत करीब किया जा रहा है।

 

एनसीआरटीसी (NCRTC) ने एक बयान में कहा कि एनसीआरटीसी (NCRTC) आरआरटीएस (RRTS) स्टेशन और मेट्रो स्टेशन को जोड़ने के लिए 90 मीटर लंबा और छह मीटर चौड़ा फुटओवर ब्रिज मुहैया कराएगा। एफओबी (FOB) की ऊंचाई जमीन से करीब आठ मीटर होगी। garauv

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