दिल्ली में होगी बड़ी गैंगवार! दीपक बॉक्सर संभाल सकता है गोगी गैंग की कमान; जानिए बॉक्सिंग चैंपियन कैसे बना गैंगस्टर

जितेंद्र उर्फ गोगी का नंबर वन शार्पशूटर दीपक उर्फ बॉक्सर (Deepak Boxer) फिलहाल फरार है, उसकी गिरफ्तारी पर स्पेशल सेल ने दो लाख का इनाम रखा हुआ है।

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बॉक्सर (Deepak Boxer) अब गोगी गैंग की कमान संभाल सकता है और गोगी की मौत का बदला लेने के लिए टिल्लू गैंग पर हमले कर सकता है। कुल मिलाकर गैंंगवार की आशंका ने अब दिल्ली पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है।

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firing at Rohini court premise : देश की राजधानी की दिल्‍ली की रोहिणी कोर्ट परिसर में शुक्रवार को अचानक फायरिंग (Shootout at Rohini court) से दहल उठी। यह तब हुआ जब कोर्ट में पेशी पर जेल कोर्ट लाए गए जितेंद्र गोगी (Jitender Mann Gogi) पर वकील के वेश में आए हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।  यह घटना गैंगस्‍टर जितेंदर गोगी (Jitender Gogi) की सुनवाई के दौरान हुई, जब जज, स्टॉफ और वकील भी मौजूद थे। गोगी को जेल से लाने वाले दिल्ली पुलिस के जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दोनों बदमाशों को ढेर कर दिया। पुलिस ने मारे गए बदमाशों की पहचान बागपत के राहुल त्‍यागी उर्फ फफूंदी और सोनीपत के जगदीप उर्फ जग्गा के तौर पर की है। ये दोनों सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया के गुर्गे बताए जा रहे हैं।

 

अब दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी सिरदर्दी ये है कि जितेंद्र उर्फ गोगी (Gogi Gang) का नंबर वन शार्पशूटर दीपक उर्फ बॉक्सर (Deepak Boxer) फिलहाल फरार है, उसकी गिरफ्तारी पर स्पेशल सेल ने दो लाख का इनाम रखा हुआ है। स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक बॉक्सर को लेकर पूरे पुलिस महकमे में अलर्ट भेजा गया है। बॉक्सर अब गोगी गैंग की कमान संभाल सकता है और गोगी की मौत का बदला लेने के लिए टिल्लू गैंग पर हमले कर सकता है। कुल मिलाकर गैंंगवार की आशंका ने अब दिल्ली पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है। आइए जानते हैं कि कौन है गोगी गैंग का यह बदमाश दीपक उर्फ बॉक्सर

 

कौन है दीपक उर्फ बॉक्सर

सोनीपत के गन्नौर का रहने वाला दो लाख इनामी गैंगस्टर दीपक पहल उर्फ बॉक्सर (25) जूनियर लेवल पर इंटरनैशनल बॉक्सिंग में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुका है। वह 2016 के रियो ओलिंपिक में हिस्सा लेना चाहता था। 2014 में साई सेंटर सोनीपत में एक साथी बॉक्सर का जबड़ा तोड़ा तो केस दर्ज हो गया। हॉस्टल से निकाल दिया गया। गांव में प्रैक्टिस करने लगा तो कोच की पिटाई कर दी। फिर एक दोस्त के जरिए फज्जा के टच में आया और गोगी गैंग से जुड़ गया। रियो के बजाय 2016 में उसका नाम पुलिस कस्टडी से गोगी को छुड़ाने पर सुर्खियों में आ गया। गोगी पर 2018 में मकोका लगा तो उसका नाम भी था। वह तब से फरार है।

 

बॉक्सर से गैंगस्टर बनने का सफर

साल 2008 में जब विजेंद्र सिंह (Vijender Singh) ने बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया तो उनके प्रदेश हरियाणा में बॉक्सिंग एक बड़ा खेल बन गया था। कई युवा विजेंदर से प्रेरित होकर इस खेल में करियर बनाने की राह बना चुके थे, ऐसा ही एक बॉक्सर था दीपक पहल (Deepak Pahal)। पहल ने 15 साल की उम्र में बॉक्सिंग शुरू की और केवल 16 साल की उम्र में ही उन्होंने खुद को साबित कर दिया था। उसने साई के सोनीपत केंद्र के लिए ट्रेनी के तौर पर चुना लिया गया था।

 

एक साल के अंदर ही वह 57 किलोग्राम के जूनियर नेशनल चैंपियन बन गया था। उस साल उसने मनीष कौशिक (Manish Kaushik) और अमित पंघाल (Amit Panghal) के रहते हुए यह खिताब जीता था। कोच उसे उस समय का सर्वश्रेष्ठ बॉक्सर मानते थे। आज मनीष कौशिक और अमित पंघाल टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympic) के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं, लेकिन जूनियर चैंपियन दीपक पहल आज दिल्ली पुलिस के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल हैं और उस पर दो लाख का इनाम है। 

 

एक जूनियर चैंपियन अपराध की दुनिया का हिस्सा बन गया

दीपक नाम कमाना चाहता था, वह अपने कोच अनिल मलिक को वह हमेशा यही कहता था कि विजेंदर सिंह को देखकर उसे एहसास हुआ कि बॉक्सिंग उसका यह सपना पूरा कर सकती है। शुरुआत में परिवार का साथ नहीं था वह चाहते थे कि दीपक पहले पढ़ाई पूरी करे, लेकिन दीपक बॉक्सिंग में जुट गया था। अपने पहले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में जब उसने गोल्ड जीता तो पूरे गांव में जश्न का माहौल था। सबको लगने लगा था कि उनके गांव का शेर देश के लिए ओलिंपिक में मेडल लाएगा, लेकिन किस्मत में कुछ और लिखा था।

 

गुस्सा बन गया दीपक का दुश्मन

दीपक के लिए उसका गुस्सा उसका दुश्मन बन गया। साई केंद्र पर एक साथी खिलाड़ी से बहस के बाद दीपक ने उसके मुंह पर मुक्का दे मारा था जिसके कारण उसे सस्पेंड कर दिया गया था। उसने स्पोर्ट्स कोटा के अंदर सरकारी नौकरी पाने की कोशिश की, लेकिन यहां भी उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया। तभी साल 2012 में भारत की बॉक्सिंग फेडरेशन पर बैन लग गया। यही वह वक्त था जब कई बॉक्सर अपनी राह से भटक गए। वह गांव में आकर प्रैक्टिस करने लगा था, लेकिन यहां भी उसने बॉक्सिंग प्रैक्टिस के दौरान गुस्से में अपने कोच की ही पिटाई कर दी थी।

 

अपराध की दुनिया में ताकत का अहसास

इसके बाद उसके बाद उसका बॉक्सिंग खेल काफी प्रभावित हुआ और दीपक की मुलाकात जितेंद्र मान उर्फ गोगी से हुई। गोगी हरियाणा के ऐसे खिलाड़ियों को अपने गिरोह में शामिल करता था जिनकी प्रतिभा उसके धंधे में काम आ सकती है। वह खासतौर पर बॉक्सर और पहलवानों पर नजर रखता था। जितेंद्र गोगी खुलकर दीपक पहल के लिए मौज मस्ती, आलीशान आवास, महंगी घड़ियां, महंगे कपड़े - कई कार की व्यवस्था करवाकर उसे अपने गैंग में बहुत ही करीबी सहयोगी बना लिया। अपराध की दुनिया में दीपक को ताकतवर होने का एहसास होने लगा और वह धीरे-धीरे इस दलदल में धंसता चला गया।

 

2016 में जितेंद्र गोगी की फरारी में आया था नाम

अपराध की दुनिया में दीपक का नाम पहली बार तब सामने आया जब साल 2016 में जितेंद्र गोगी जेल से फरार हाे गया था। पुलिस को सबूत मिले थे कि इस मामले में दीपक पहल भी शामिल है। जिसके कुछ दिन बाद उसे गिरफ्तार किया गया, लेकिन वह जल्द ही बेल पर छूट गया। जेल से आने के बाद उसने फिर से ब़क्सिंग की शुरुआत की। उनका बड़ा भाई और परिवार बहुत खुश था उन्हें लग रहा था कि बेटा अपराध की दुनिया से लौट आया है। बॉक्सिंग उसे एक बार फिर सही रास्ते पर ले आएगी। 2018 में वह घर के पास के स्टेडियम में अभ्यास किया करता था, लेकिन एक बार जिसके हाथों पर अपराध की काली स्याही लग गई वह आसानी से छूटती नहीं।

 

परिवार ने खत्म कर लिए सारे नाते

महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइजड क्राइम एक्ट के तहत दीपक पर शिकायत दर्ज की गई। जितेंद्र की फरारी का मामला फिर सामने आ गया  इसके बाद ही दीपक ने बिना किसी को बताए घर छोड़ दिया और वह आज तक नहीं लौटा। उसके घर छोड़ने के बाद पता चला कि पुलिस ने उसपर चार लोगों के मर्डर का केस दर्ज किया है, ये वो चार लोग थे जो उसके खिलाफ गवाही देने वाले थे। उसका परिवार हर रोज पुलिस का सामना करके परेशान हो गया, आखिरकार पिछले साल उन्होंने अखबार में इश्तिहार दे दिया कि उन्होंने दीपक पहल से सभी नाते तोड़ लिए हैं। दीपक को उसके कोच मनीष और अमित पंघाल से भी बेहतर बॉक्सर मानते थे। आज वह ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्तव कर सकता था, लेकिन अब जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद पुलिस को अंदेशा है कि वह गोगी गैंग की कमान संभाल सकता है। 

 

फिल्मी स्टाइल में छुड़ाया था गैंगस्टर फज्जा को

दीपक बॉक्सर ने इसी साल फरवरी माह में गैंगस्टर कुलदीप फज्जा को फरार कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दिल्ली पुलिस कुलदीप उर्फ फज्जा को फरवरी महीने में तिहाड़ जेल से जीटीबी अस्पताल में मेडिकल जांच करवाने ले गई थी, इसी दौरान दीपक ने फिल्मी स्टाइल में उसे पुलिस कस्टडी से छुड़ा लिया था। पुलिस पर हमला करने से पहले दीपक पहल ने  पुलिसकर्मियों के आंखों में मिर्ची का पाउडर छिड़क दिया था उसके बाद अस्पताल के अंदर फायरिंग करके कुलदीप को अपने साथ लेकर भाग गया था। हालांकि उस वक्त दीपक के दो साथियों को पुलिस ने मौके पर ही ढेर कर दिया था। इसके अलावा  सेल की टीम ने कुलदीप उर्फ फज्जा को उसके फरार होने के 74 घंटे के अंदर ही मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था, लेकिन दीपक आज तक पुलिस के हाथ नहीं चढ़ा है।

 

दिल्ली में हो सकती है बड़ी गैंगवार

पुलिस सूत्रों की मानें तो जितेंद्र के मरने के बाद अब दीपक पहलवान गोगी गैंग की कमान संभाल सकता है, क्योंकि दीपक के ताल्लुकात बैंकॉक में छुपकर रह रहे मोस्ट वांटेड गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी से भी है। ऐसे में जंगेठी दीपक का साथ दे सकता है ताकि वह अपने गिरोह के लीडर की हत्या का बदला टिल्लू गैंग से ले सके। ऐसे में दिल्ली में बड़ी गैंगवार आने वाले कुछ दिनों में हो सकती है।

 

जेल में रची गई शूटआउट की साजिश

उधर बताया जा रहा है कि दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में हुए शूटआउट की साजिश तिहाड़ की मंडोली जेल में रची गई थी। इसी जेल में गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी का जानी दुश्मन कुख्यात बदमाश सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया बंद है। उसे मंडोली जेल के हाई रिस्क वार्ड में रखा गया है। पुलिस को पूरा शक है कि गोगी को मारने की सारी योजना मंडोली जेल में ही बनाई गई थी, क्योंकि वहां टिल्लू के साथ ही उसके कई गुर्गे भी बंद हैं।

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